'मस्जिद हटाने का धन नहीं, तो देंगे श्रमदान', देवभूमि संघर्ष समिति का संजौली मस्जिद कमेटी को संदेश
Himachal Pradesh News: हिमाचल देवभूमि संघर्ष समिति ने कहा है कि वे भाईचारा निभाना के लिए तैयार हैं. मस्जिद कमेटी के पास धन की कमी है, तो वह श्रमदान कर सकते हैं.
Sanjauli Mosque Latest Update: सोमवार को हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड की ओर से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) मिलने के बाद संजौली मस्जिद कमेटी ने अवैध बताए जा रहे हिस्से को हटाने का काम शुरू कर दिया. हालांकि शाम तक केवल छत का एक छोटा-सा हिस्सा ही हटाया गया.
संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ का कहना है कि कमेटी के पास धन की कमी है. ऐसे में इसके लिए वक्त लग सकता है. संजौली मस्जिद कमेटी तीन मंजिलों को हटाने के लिए मुस्लिम समुदाय के कारोबारियों से धन जुटा रही है.
देवभूमि संघर्ष समिति श्रमदान के लिए तैयार
इस बीच देवभूमि संघर्ष समिति ने संजौली मस्जिद कमेटी को संदेश दिया है. देवभूमि संघर्ष समिति के सह संयोजक मदन ठाकुर ने कहा. कि वह भाईचारा निभाना के लिए तैयार हैं. अगर संजौली मस्जिद कमेटी के पास धन की कमी है, तो हिमाचल प्रदेश देवभूमि संघर्ष समिति इसके लिए श्रमदान करने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा कि सभी हिंदू भाई सामने आगे आकर मस्जिद को हटाने में मदद करेंगे. उन्होंने कहा कि वह भी भाईचारा कायम करना चाहते हैं.
वहीं, देवभूमि संघर्ष समिति के संयोजक भारत भूषण ने कहा कि शाम होते-होते सिर्फ छत से दो-चार तीन की छत के टुकड़े हटाए गए हैं. यह सभी ने देख लिया है. उन्होंने कहा कि अगर मस्जिद कमेटी के पास धन की कमी है, तो न्यायालय को बताया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि न्यायालय ने जब दो महीने के भीतर मस्जिद के अवैध हिस्से को हटाने के लिए कहा है, तो इस पर इसे जल्द अमल में ले जाने की जरूरत है.
क्या है पूरा मामला?
5 अक्टूबर को नगर निगम आयुक्त की अदालत ने मस्जिद के दूसरे, तीसरे और चौथे फ्लोर को हटाने के आदेश जारी किए थे. 11 सितंबर को खुद संजौली मस्जिद कमेटी ने ही अवैध बताए जा रहे हिस्से को खुद हटाने की पेशकश की थी. नगर निगम आयुक्त की अदालत से आदेश आने के बाद संजौली मस्जिद कमेटी ने वक्फ बोर्ड से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लिया. हालांकि अब मस्जिद कमेटी का कहना है कि उनके पास धन की कमी है.
सोमवार यानी 21 अक्टूबर को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने संजौली मस्जिद के पूरे ढांचे की वैधता पर अंतिम फैसला आठ हफ्ते के भीतर करने के आदेश जारी किए. इस मामले के जल्द निपटारे के लिए संजौली के स्थानीय निवासियों की ओर से याचिका दायर की गई थी. यह मामला नगर निगम शिमला के आयुक्त की अदालत में लंबित है. याचिका के माध्यम से नगर निगम आयुक्त को मामले का जल्द से जल्द निपटारा करने के आदेश जारी करने की मांग की गई थी.
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