Himachal Pradesh News: देश भर में बेहद धूमधाम के साथ दिवाली का त्योहार मनाया जा रहा है. बाजारों में दिवाली के मौके पर रौनक लगी हुई है, लेकिन इस बीच शिमला (Shimla) के समरहिल ( Summerhill) में अगस्त के महीने में आई आपदा के बाद दिवाली न मनाने का फैसला लिया गया है. समरहिल के शिव बावड़ी मंदिर के आसपास के तीन गांव एंदडी, गाहन और भगोग में दिवाली नहीं मनाई जाएगी. इससे पहले समरहिल के लोगों ने दशहरे पर भी कोई बड़ा आयोजन नहीं किया था. दरअसल, यह उन लोगों के लिए श्रद्धांजलि है, जिन्होंने त्रासदी में अपनी जान गवा दी.


14 अगस्त को सावन के महीने के आखिरी सोमवार के मौके पर शिव बावड़ी में भक्तों की भारी भीड़ लगी हुई थी. तभी अचानक मिट्टी-मलबे के जलजले की वजह से मंदिर भारी मलबे की चपेट में आ गया. यहां पूजा कर रहे 20 लोगों की जान चली गई. यही नहीं, एक परिवार के तो सात सदस्यों ने अपनी जान गवा दी. इसमें परिवार की तीन पीढियां एक साथ तबाह हो गई. 14 अगस्त के बाद 11 दिन तक चले सर्च ऑपरेशन में 20 लोगों के शव बरामद हुए. यहां एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, होमगार्ड और पुलिस के जवानों ने दिन-रात मेहनत कर ऑपरेशन चलाया, लेकिन किसी की भी जान नहीं बचाई जा सकी. 


इन लोगों ने गंवाई अपनी जान


शिमला के शिव बावड़ी में हुए हादसे में एक ही परिवार के साथ लोगों की मौत हुई थी. इसमें पवन शर्मा का पूरा परिवार समाप्त हो गया. जान गवाने वालों में उनकी धर्मपत्नी संतोष शर्मा, बेटा अमन शर्मा, बहू अर्चना शर्मा, पोती सायशा, नायरा और समायरा शामिल थी. इसके अलावा संजीव ठाकुर किरण अमित शर्मा हरीश कुमार वर्मा, डॉ. मानसी, सौरभ ठाकुर, चित्रलेखा शर्मा, सुमन किशोर नौटियाल, प्रो. प्रेम लाल शर्मा, शंकर नेगी और अविनाश नेगी की भी मौत हुई थी. आसपास के गांव के लोग अब इन्हीं लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए दिवाली नहीं मना रहे.


ये भी पढ़ें- Diwali 2023: हिमाचल के CM सुक्खू ने दी दीपावली की बधाई, बोले- '10 साल में प्रदेश को बना देंगे नंबर-1'