Happy Diwali 2024: पूरे देश में आज दिवाली (31 अक्टूबर) का त्योहार बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश का एक गांव ऐसा भी है, जहां दिवाली के दिन सन्नाटा छाया रहता है. दरअसल, हमीरपुर जिले का सम्मू गांव में दिवाली नहीं मनाई जाती. मान्यता के मुताबिक कई साल पहले एक महिला अपने पति की मौत के बाद कथित रूप से सती हो गई थी, लेकिन उससे पहले उसने गांव को श्राप दिया था.


ग्रामीणों का कहना है कि श्राप के डर से वे कई सालों से दिवाली नहीं मना पाए हैं. गांव वालों का कहना है लोगों ने इस श्राप से मुक्ति पाने की कई बार कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे. लोगों पर श्राप का इतना खौफ है कि दीपावली को वे घरों से बाहर निकलना भी मुनासिब नहीं समझते. वहीं दिवाली वाले दिन लोग घरों में पकवान बनाने से भी डरते हैं.


नहीं मनाया जाता दिवाली का जश्न
हालांकि नई पीढ़ी के बच्चे थोड़े बहुत पटाखे फोड़ लेते हैं और कुछ लोग घरों के अंदर ही दीपक जला लेते हैं, लेकिन अधिकतर ग्रामीण गांव के अंदर त्योहार न मनाने की सलाह देते हैं. गांव के बुजुर्गों का मानना है कि श्राप की वजह से दिवाली की जश्न नहीं मनाया जाता. अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो इससे गांव में आपदा आती है और उसके घर में भी आग लग जाती है.


महिला ने सती होने से पहले दिया था श्राप
हमीरपुर जिले का सम्मू गांव जिला मुख्यालय से 26 किलोमीटर की दूरी पर है. भोरंज पंचायट की प्रधान पूजा कुमारी बताती हैं कि बुजुर्ग लोगों के अनुसार काफी सालों पहले गांव में एक महिला के पति की मौत हो गई थी. जिसके बाद वो सती हो गई और उससे पहले महिला ने श्राप दिया था कि गांव में कोई दिवाली नहीं मनाएगा. वहीं गांव की एक अन्य बुजुर्ग महिला के अनुसार गांव को श्राप मुक्त कराने के लिए कई बार हवन-यज्ञ भी किया गया, लेकिन सब विफल रहा.


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