Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार बने अभी कुछ ही वक्त हुआ है और शिमला में बिजली बोर्ड के कर्मचारी सुक्खू सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने की तैयारी में जुटे हैं. दरअसल, सरकार ने बिजली बोर्ड कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना को बहाल नहीं किया है. इसी के चलते कर्मचारियों ने शिमला के बोर्ड मुख्यालय कुमार हाउस में प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है.
बिजली बोर्ड के कर्मचारी पुरानी पेंशन के शुरू न होने से नाराज हैं. यूनियन पदाधिकारियों का कहना है कि यहां कि अफसरशाही मुख्यमंत्री के फैसले को नहीं मान रही है. बता दें कि शनिवार को सर्विस कमेटी की बैठक राज्य सचिवालय में हुई थी, जिसमें पुरानी पेंशन बहाली के प्रस्ताव को शामिल ही नहीं किया गया था. इसी वजह से कर्मचारी यूनियन के लोगों ने बोर्ड प्रबंधन पर अपनी मर्जी चलाने के आरोप लगाए हैं. अब कर्मचारी यूनियन का कहना है कि अगर पुरानी पेंशन योजना को लागू नहीं किया गया , तो 25 मई से इसके विरोध में आंदोलन शुरू किया जाएगा.
बिजली बोर्ड कर्मचारियों के आरोप
यूनियन कर्मचारियों के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर दत्त शर्मा ने आरोप लगाया है कि बोर्ड प्रबंधन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के आदेश देने के बाद भी लगातार काम को टाल रहा है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि बोर्ड प्रबंधन शनिवार को हुई बैठक में बिजली बोर्ड में ओपीएस को लागू करने का फैसला ले सकता था. लेकिन, ऐसा नहीं किया गया और ऐसा नहीं होने से कर्मचारियों में भारी आक्रोश है. इसके अलावा उन्होंने बोर्ड प्रबंधन के लिए कहा कि प्रदेश सरकार के सभी उपक्रमों में पुरानी पेंशन को लागू कर दिया गया है. सिर्फ बिजली बोर्ड ही सरकार के फैसले का लाभ नहीं उठा पा रहा है.
बिजली बोर्ड तकनीक कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण कपटा और महामंत्री नेकराम ठाकुर ने रविवार को जारी प्रेस बयान में कहा कि यदि बोर्ड प्रबंधन पुरानी पेंशन पर जल्द फैसला नहीं लेता है, तो आगामी दिनों में कर्मचारी संघ आंदोलन की ओर बढ़ेगा.
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