Himachal News: हिमाचल प्रदेश की राजनीति आए दिन नए रंग दिखाती है. हिमाचल में ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली में अहम भूमिका निभाने वाले एनपीएस कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर भी अब नई किस्म की राजनीति का शिकार हो गए हैं. दरअसल, प्रदीप ठाकुर सोलन एक कार्यक्रम के लिए जा रहे थे. यहां उन्हें ओल्ड पेंशन पाने वाले कर्मचारियों से मुलाकात करनी थी. इस कार्यक्रम के लिए संघ ने उनके टूर प्रोग्राम का पोस्टर तैयार किया. इसी पोस्टर में शरारती तत्वों ने छेड़छाड़ कर दी और प्रदीप ठाकुर को मंडी लोकसभा का भावी सांसद बता दिया.


पोस्टर से छेड़छाड़ गलत- प्रदीप ठाकुर
प्रदीप ठाकुर ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली की लड़ाई लड़ने में सबसे आगे नजर आए और भी मौजूदा वक्त में वन विभाग में बतौर कर्मचारी कार्यरत हैं. दरअसल, प्रदीप ठाकुर के पिता वामन देव ठाकुर भी सक्रिय राजनीति में हैं. यही वजह है कि अब उनके आंदोलन में अग्रणी भूमिका के बाद प्रदीप ठाकुर को राजनीति का शिकार बनाया जा रहा है. एनपीएस कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर ने कहा कि कुछ शरारती तत्वों ने उनके पोस्टर के साथ छेड़छाड़ की है. वह इस बारे में कानूनी राय ले रहे हैं. जरूरत पड़ेगी, तो मामले में एफआईआर भी दर्ज की जाएगी. उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और मंत्रियों से भी मुलाकात करेंगे. उन्होंने कहा कि उनके पोस्टर के साथ इस तरह की छेड़छाड़ सरासर गलत है.


क्या राजनीति में आएंगे प्रदीप ठाकुर?
हिमाचल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन में ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली का मुद्दा जोर-शोर से गूंजा. कांग्रेस ने अपनी पहली ही गारंटी में ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली का वादा किया. इस बीच एनपीएस कर्मचारी संघ लगातार ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली करने वाली पार्टी का साथ देने का ऐलान करता रहा. हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की विदाई में एनपीएस कर्मचारी संघ ने अहम भूमिका निभाई. चूंकि प्रदीप ठाकुर की पारिवारिक पृष्ठभूमि कांग्रेस से जुड़ी हुई है. ऐसे में उन्हें भविष्य के राजनेता के तौर पर स्थापित करने की कोशिश या यूं कहें कि साजिश की जा रही है. हालांकि प्रदीप ठाकुर का कहना है कि वह राजनीति करने के लिए नहीं आए हैं. वे कर्मचारियों के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं. उनका भविष्य में भी राजनीति में आने का कोई विचार नहीं है.


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