Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने बुधवार को कहा कि राज्य सचिवालय (State Secretariat) के कर्मचारियों की पांच दिवसीय कार्य सप्ताह की मांग पर विचार किया जाएगा और महंगाई भत्ते की किस्त पर दो-तीन महीने में निर्णय किया जाएगा.  हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा कर्मचारी संगठन (HPSSEO) के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह की अध्यक्षता करते हुए सीएम सुक्खू ने कहा कि राज्य सचिवालय के कर्मचारी सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. 


उन्होंने कहा कि वे सरकार की रीढ़ हैं और इसके निर्देशों को तुरंत क्रियान्वित करने में बहुत योगदान देते हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यहां जारी एक बयान में कहा कि पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) से राज्य सरकार के 1.36 लाख कर्मचारियों को लाभ हो रहा है, जैसा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था. 


ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के कई योजनाएं होगी लागू
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ओपीएस का फैसला किसी राजनीतिक लाभ के लिए नहीं बल्कि कर्मचारियों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए लिया गया ताकि वे सेवानिवृत्ति के बाद सम्मानजनक जीवन जी सकें. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार आने वाले वर्षों में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू करने जा रही है और इसे हासिल करने के लिए कर्मचारियों के सहयोग की आवश्यकता है.


डीए की किश्त के लिए अभी और करना होगा इंतजार
वहीं डीए की किश्त का इंतजार कर रहे प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा. सीएम  सुक्खू ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि अभी डीए किश्त के दो-तीन महीने इंतजार करना पड़ेगा. जब कर्मचारियों ने डीए भुगतान की गुहार लगाई तो सीएम सुक्खू ने कहा कि आर्थिक बदहाली का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि पूर्व की बीजेपी सरकार प्रदेश को कर्ज के बोझ तले दबाने के साथ-साथ दस हजार करोड़ की वित्तीय देनदारियां छोड़कर गई है.आपको बता दें कि प्रदेश के कर्मचारियों व पेंशनर्स का अभी 12 फीसदी डीए बाकि है. अगर सरकार 4 फीसदी डीए भी जारी करती है तो प्रदेश सरकार को करीब सवा 4 सौ करोड़ रुपए खर्च करने होंगे.


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