Shimla Nagar Nigar Chunav: 2 मई को शिमला (Shimla) में होने वाले नगर निगम चुनाव से एक दिन पहले तक कांग्रेस-बीजेपी के बीच वार-पलटवार का सिलसिला जारी है. सोमवार को हिमाचल प्रदेश के पूर्व शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज( Suresh Bhardwaj) में प्रेस वार्ता को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) के नेतृत्व में चल रही सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया. सुरेश भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस न तो विधानसभा चुनाव से पहले दी गई गारंटी को पूरा कर सकी है और न ही नगर निगम शिमला में किए जा रहे हैं वादों को पूरा करेगी.
सुरेश भारद्वाज कहा कि सरकार नगर निगम शिमला के चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है, लेकिन जनता जानती है कि भारतीय जनता पार्टी ही शहर और प्रदेश का विकास कर सकती है. उन्होंने अब तक गारंटियां पूरी न होने को लेकर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से कहा, 'आम जनता आज पूछ रही है कि सुक्खू भाई! 10 गारंटी किथे पाई? यानी जनता सीएम सुखविंदर सिंह से पूछ रही है कि चुनाव से पहले दी गई गारंटियां कहां चली गई?'
CM सुक्खू ने खुद मानी थी बेहतरीन काम की बात- भारद्वाज
हिमाचल प्रदेश सरकार में शहरी विकास मंत्री ने सुरेश भारद्वाज ने कहा कि 2 मार्च 2022 को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विधायक के तौर पर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने खुद माना था कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शिमला में बेहतरीन काम हो रहा है. पूर्व शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का विधानसभा में दिया गया बयान भी पढ़कर सुनाया. उन्होंने कहा कि सुखविंदर सिंह की विधायक के तौर पर खुद माना था कि शिमला में विकास हो रहा है. सुरेश भारद्वाज सरकार चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है. मंत्री और सीपीएस सरकारी कर्मचारियों पर वोट डालने का दबाव बना रहे हैं.
किसकी सरकार में फैला पीलिया? - भारद्वाज
नगर निगम के चुनाव में साल 2016 में फैले पीलिया का मुद्दा भी जमकर उछल रहा है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आरोप लगाए थे कि बीजेपी सरकार के वक्त पीलिया फैला था. इस पर पूर्व शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि साल 2016 में जब शिमला शहर में पीलिया फैला था, उस समय कांग्रेस की सरकार थी. तब सुखविंदर सिंह सुक्खू विधानसभा के सदस्य भी नहीं थे. शायद इसलिए उन्हें इस बात की जानकारी भी नहीं है. पूर्व शहरी विकास मंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पेयजल योजना के पांच किलोमीटर दूर ही सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बना दिया, जो सरासर नियमों का उल्लंघन था. बाद में इसी सीवरेज प्लांट की वजह से वायरस फैला और शिमला के लोग बीमार पड़े.
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