Himachal Pradesh News: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में शिक्षा के गिरते स्तर पर एक बार फिर चिंता जाहिर की है. उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षा के स्तर में गिरावट के लिए बीजेपी की पूर्ववर्ती सरकार जिम्मेदार है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को राजकीय कन्या महाविद्यालय शिमला में नौ करोड़ रुपये की लागत से बने ब्लॉक-सी भवन का लोकार्पण किया. इस दौरान उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य सिर्फ नए संस्थान खोलने भर ही नहीं है. उन्होंने कहा कि इन संस्थानों में सुविधा देना भी जरूरी है.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा- "चिंता का विषय है कि हम गुणात्मक शिक्षा में देशभर में 21वें स्थान पर पहुंच गए हैं. हमने फैसला किया है कि शैक्षणिक सत्र के बीच अध्यापकों का स्थानांतरण नहीं होगा. हमें भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप नीतियां बनानी होंगी. राज्य सरकार गांव में भी बेहतर शिक्षा उपलब्ध करवाने के प्रयास कर रही है. सभी विधानसभा क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोले जा रहे हैं."
बेटियों के उत्थान के लिए सरकार प्रतिबद्ध- CM सुक्खू
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटियों के लिए उत्थान के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. शिमला का राजकीय कन्या महाविद्यालय राज्य की बेटियों के लिए बनाया गया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सरकार की ओर से बेटियों के लिए किये जा रहे कामों का भी जिक्र किया.
उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 साल की गई है. लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने 51 साल पुराने ‘हिमाचल प्रदेश भू-जोत अधिकतम सीमा अधिनियम-1972 में संशोधन किया है. नए कानून के तहत पैतृक संपत्ति में वयस्क बेटी को 150 बीघा भूमि की एक अलग इकाई रखने का अधिकार होगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पुलिस की भर्ती में महिलाओं के लिए 30 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार बेटियों के कल्याण के लिये काम कर रही है.
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