H3N2: हिमाचल में सामने आया H3N2 का पहला मामला, ढाई महीने की बच्ची पॉजिटिव, अस्पताल में भर्ती
Himachal H3N2 Case: कांगड़ा के सीएमओ डॉ. सुशील शर्मा ने बताया कि 10 सप्ताह की बच्ची इस वायरस से संक्रमित पाई गई है. खांसी, जुकाम, बुखार के इलाज के लिए शनिवार को उसे टांडा मेडिकल कॉलेज लाया गया था.
Himachal H3N2 Case: हिमाचल प्रदेश में H3N2 का पहला केस सामने आया है. कांगड़ा जिले के देहरा अनुमंडल की ढाई महीने की बच्ची H3N2 से संक्रमित पाई गई है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. टांडा मेडिकल कॉलेज में बच्ची का इलाज चल रहा है. कांगड़ा के सीएमओ डॉ. सुशील शर्मा ने बताया, 'H3N2 का पहला मामला हिमाचल के कांगड़ा में पाया गया है. 10 सप्ताह की बच्ची इस वायरस से संक्रमित पाई गई है. खांसी, जुकाम, बुखार के इलाज के लिए शनिवार को उसे टांडा मेडिकल कॉलेज लाया गया था.'
इन्फ्लुएंजा A इंसानों को बीमार करने में सबसे अधिक जिम्मेदार
मौसमी इन्फ्लूएंजा एक गंभीर सांस का संक्रमण है जो 4 अलग-अलग प्रकारों इन्फ्लुएंजा A, B, C और D के कारण होता है जो ऑर्थोमेक्सोविरिडे परिवार से संबंधित है. इनमें से इन्फ्लुएंजा का A प्रकार मनुष्यों को संक्रमित करने के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार है.
'मार्च के अंत तक इन्फ्लुएंजा के मामलों में गिरावत की संभावना'
सालभर में कुछ महीने ऐसे होते हैं जब वैश्विक स्तर पर इन्फ्लूएंजा के केसों में अचानक वृद्धि हो जाती है. भारत में आम तौर पर इन्फ्लूएंजा के दो पीक आते हैं. एक जनवरी से मार्च के बीच और दूसरा मॉनसून के बाद. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इन्फ्लूएंजा के मामलों में मार्च के अंत से गिरावट आ सकती है.
इन्फ्लुएंजा से संक्रमित व्यक्ति में क्या होते हैं लक्षण
इन्फ्लूएंजा से संक्रमित व्यक्ति में खांसी, सर्दी, जुकाम, शरीर में दर्द होना आदि जैसे लक्षण पाए जाते हैं, जो आम तौर पर एक या दो हफ्तों में ठीक हो जाता है. हालांकि नवजात शिशु, युवा बच्चे, गर्भवति महिलाएं, और 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को इन्फ्लूएंजा होने की स्थिति में अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ती है.
हवा के जरिए फैलता है इन्फ्लुएंजा
यह संक्रमण हवा के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. इसलिए एक-दूसरे से हाथ मिलाने, सार्वजनिक चीजों को छूने और एक-दूसरे से ज्याना नजदीक से बात करने से बचें. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ओसेल्टामिविर को संक्रमण के इलाज के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा सुझाई गई दवा के रूप में निर्धारित किया है. यह दवा लोगों को मुफ्त दी जा रही है.
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