Himachal News: हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति को लेकर प्रदेश सरकार श्वेत पत्र (White Paper) ला रही है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने इसके लिए एक कैबिनेट सब कमेटी गठित किया है. हिमाचल के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) की अध्यक्षता में गठित सब कमेटी की बैठक राज्य सचिवालय में हुई. इस बैठक में श्वेत पत्र तैयार करने को लेकर चर्चा की जाएगी. बैठक में सब कमेटी के सदस्य पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह मौजूद रहे. सब कमेटी के सदस्य कृषि मंत्री चंद्र कुमार बैठक में नहीं पहुंचे. इससे पहले हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में भी चंद्र कुमार नहीं पहुंच सके थे.


'जयराम ठाकुर ने पेश किए गलत आंकड़े'


बैठक के बाद हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान वित्तीय कुप्रबंधन (Financial Mismanagement in Himachal) रहा. इसकी वजह से हिमाचल प्रदेश में कर्ज का पहाड़ खड़ा हो गया है. सरकार की गलत नीतियों के चलते प्रदेश ओवरड्राफ्ट हो गया है. कांग्रेस सरकार पिछली सरकार के दौरान दिए गए कर्ज की भरपाई करने में लगी हुई है. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर गलत आंकड़े पेश करते रहे. कैबिनेट सब कमेटी की दो अन्य बैठकर भी आयोजित होंगी. इन दो बैठकों के बाद एक महीने के अंदर कैबिनेट सब कमेटी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के सामने रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.


एक महीने में रिपोर्ट देगी कैबिनेट सब कमेटी 


हिमाचल प्रदेश में करीब छह महीने पहले हुए सत्ता परिवर्तन के बाद से ही कर्ज लेने का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पहले दिन से ही हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर श्वेत पत्र लाने की बात कर रही हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भी इस पर चर्चा हुई. इसी सत्र के दौरान सब कमेटी का गठन हुआ. अब यह सब-कमेटी हिमाचल प्रदेश के आर्थिक हालात पर आंकड़े जुटाएगी और एक महीने के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.


विधानसभा में सरकार ने क्या जवाब दिया था?


27 मार्च को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विधायक सुधीर शर्मा (Sudhir Sharma) के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री सुक्खू ने सदन में आंकड़े पेश किए थे. प्रदेश सरकार के सदन में दिए गए जवाब से पता चलता है कि हिमाचल पर अब तक 71 हज़ार 082 करोड़ रुपए का कर्ज है. हिमाचल पर औसतन 95 हज़ार 374 रुपए प्रति व्यक्ति कर्ज़ है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की ओर से सदन में दिए गए जवाब के मुताबिक हिमाचल प्रदेश सरकार ने विभिन्न एजेंसियों से वर्ष 2020-21 में 7 हज़ार 295 करोड़ का कर्ज़ लिया. इसके अलावा 2021-22 में 5 हज़ार 500 करोड़ और 2023-24 में 10 हज़ार 294 करोड़ रुपये का का कर्ज (Loan on Himachal Pradesh) लिया गया. कुल-मिलाकर पिछले तीन साल में कुल 23 हज़ार 185 करोड़ के कर्ज़ का बोझ प्रदेश पर लाद दिया गया.


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