Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के देहरा में स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में डीए और एरियर की घोषणा न होने से कर्मचारी नाराज हैं. इसे लेकर शनिवार को हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संघ की पांच एसोसिएशन ने शिमला में बैठक हुई.

 

इस बैठक में डीए और एरियर भुगतान के साथ कर्मचारियों के अन्य ज्वलंत मुद्दों को लेकर चर्चा हुई. सचिवालय कर्मचारी संघ ने राज्य सरकार से लंबित भुगतान को जल्द करने की मांग उठाई. सचिवालय कर्मचारी संघ के बाद अब सोमवार को हिमाचल प्रदेश वन विभाग कर्मचारी महासंघ ने भी लंबित डीए और एरियर के भुगतान की मांग उठाई है.

 

CM सुक्खू को किया जा रहा है गुमराह?

हिमाचल प्रदेश वन विभाग कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश बादल ने कहा कि जल्द से जल्द कर्मचारियों का लंबित भुगतान किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कई आला अधिकारी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. मुख्यमंत्री को सलाह दी जा रही है कि कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में कट लगाया जाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को जल्द से जल्द कर्मचारियों के डीए और रिवाइज्ड स्केल के एरियर का भुगतान कर देना चाहिए. प्रकाश बादल ने कहा कि इस कुछ आईएएस अधिकारी और मुख्यमंत्री के इर्द-गिर्द रहने वाले लोग उन्हें गुमराह कर रहे हैं. अगर अधिकारियों के कहने पर कर्मचारियों के वेतन और भत्तों पर कट लगाया गया, तो यह सही नहीं होगा.

 

सरकारी कर्मचारी मेरे परिजनों की तरह- CM सुक्खू 

इससे पहले रविवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए पूर्व में भाजपा सरकार के पास कड़े निर्णय लेने का साहस ही नहीं था. उन्होंने सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने के लिए संपन्न परिवारों के बिजली और पानी के बिल माफ किए. मुफ्त में बांटने की यह प्रक्रिया अगर इसी प्रकार जारी रहती, तो प्रति व्यक्ति कर्ज दो लाख रुपये तक पहुंच जाता'. 

 

'मेरे परिजनों की तरह हैं सरकारी कर्मचारी'

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की विकट आर्थिक स्थिति के बावजूद राज्य सरकार ने कर्मचारियों को सात प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया है और इस साल 75 साल में उम्र से ज्यादा के 28 हजार पेंशनभोगियों एरियर दिया जाएगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकारी कर्मचारी मेरे परिजनों की तरह हैं. प्रदेश की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए अभी छह महीने का वक्त लगेगा. 

 

प्रदेश की अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने पर एरियर और महंगाई भत्ते दिए जाएंगे. केंद्र सरकार के पास एनपीएस फंड का नौ हजार करोड़ रुपये से अधिक का पैसा फंसा हुआ है. राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से यह धनराशि वापस लाने के लिए सहयोग करने का आह्वान किया है.

 

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