Himachal Pradesh News: भारत जी-20 (G20 Summit) की अध्यक्षता कर रहा है. यह अध्यक्षता देश भर के लिए गौरव का विषय है और इस गौरव में अब हिमाचल प्रदेश शामिल होने जा रहा है. जी-20 देशों की महत्वपूर्ण बैठकें (G-20 Meeting) हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला (Dharamshala) में होने जा रही हैं. 19-20 अप्रैल को यह बैठकें प्रस्तावित हैं. विज्ञान, प्रौद्योगिकी विभाग, इंजीनियरिंग, अनुसंधान बोर्ड और नवाचार से जुड़ी इस बैठक में भारत सहित दुनियाभर के करीब 70 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे.


जानेंगे हिमाचल प्रदेश के प्रतीकों के बारे में  
देशभर में जी-20 की 200 से ज्यादा बैठकों का आयोजन किया जा रहा है. धर्मशाला में होने जा रही इस बैठक में दुनिया भर के करीब 70 प्रतिनिधियों को हिमाचल प्रदेश की पहचान से जुड़े प्रतीकों के बारे में बताया जाएगा. प्रतिनिधियों का स्वागत भी हिमाचल प्रदेश की स्थानीय परंपरा के मुताबिक होगा. जी-20 की बैठक हिमाचल प्रदेश में होने की जानकारी के बाद से प्रदेश के लोग भी खासे उत्साहित हैं.


विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने ली बैठक
इस संबंध में जिला उपायुक्त कार्यालय में बैठक हुई. विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव रमेश बाबू ने बुधवार को बैठक की समीक्षा की. इस बैठक में केंद्रीय विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड की निदेशक डॉ. मधु सिन्हा, उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल, एसपी कांगड़ा खुशाल शर्मा के साथ विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया. 


क्या है जी-20?
जी-20 को ग्रुप ऑफ ट्वेंटी भी कहा जाता है. यह यूरोपियन यूनियन एवं 19 देशों का एक अनौपचारिक समूह है. जी-20 शिखर सम्मेलन में इसके नेता हर साल जुटते हैं. इसका गठन साल 1999 में हुआ था. इसका पहला सम्मेलन दिसंबर 1999 में जर्मनी की राजधानी बर्लिन में हुआ था. शुरुआत में यह वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों का संगठन हुआ करता था. 


साल 2008 में दुनिया ने भयानक मंदी का सामना किया था. इसके बाद इस संगठन में भी बदलाव हुए और इसे शीर्ष नेताओं के संगठन में तब्दील कर दिया गया. इसके बाद यह तय किया गया कि साल में एक बार G-20 राष्ट्रों के नेताओं की बैठक की जाएगी. साल 2008 में अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में इसका आयोजन किया गया.


Una News: दहेज में लड़के के कार मांगने पर लड़की ने शादी से किया इनकार, टूट गया रिश्ता