Gallantry Awards 2024: नई दिल्ली में शुक्रवार को आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शहीद सिपाही पवन कुमार को मरणोपरांत कीर्ति चर्क से सम्मनित किया. पवन वीरभूमि हिमाचल प्रदेश के वीर सपूत हैं. पवन कुमार दि ग्रेनेडियर्स 55वीं बटालियन राष्ट्रीय राइफल में सिपाही थे. यह सम्मान उन्हें देश के लिए अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान के बाद मिला.


राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार को आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह में सिपाही पवन कुमार की माता भजन दासी और पिता शिशुपाल ने यह पुरस्कार ग्रहण किया. इस मौके पर दोनों भावुक हो गए है और उनके आंखों से आंसू टपकने लगे.


 






 राष्ट्रपति ने माता-पिता को बंधाया ढांढ़स


जिस वक्त राष्ट्रपति भवन में सिपाही बलिदानी पवन कुमार की वीरगाथा बताई जा रही थी, उस वक्त वीर सपूत के माता और पिता पूरी मजबूती के साथ अपने बेटे की अदम्य शौर्य की कहानी सुनते रहे. दोनों के आंखों में आंसू थे और साथ ही बेटे के देश के लिए बलिदान होने का गर्व भी था. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न सिर्फ माता-पिता को सम्मानित किया, बल्कि उन्हें ढांढ़स बंधाया.


आतंक विरोधी ऑपरेशन को कर रहे थे लीड


सिपाही पवन कुमार जिला शिमला के रामपुर उपमंडल के पिथवी गांव के रहने वाले थे. 27 फरवरी 2023 को कश्मीर के पुलवामा जिले में घटना के समय वह आतंक विरोधी ऑपरेशन का नेतृत्व संभाल रहे थे. बेहद कुशलता के साथ अपेक्षित घेराबंदी सुनिश्चित करने के बाद वे जैसे ही मकान में घुसे, आतंकियों ने ग्रेनेड से हमला कर दिया. अपने साथियों के प्राण खतरे में देख वे आगे बढ़े और एक आतंकी का हथियार छीनते हुए उसे बेहद नजदीक से मार गिराया.


पवन कुमार पर है सबको गर्व


इसके साथ ही वीर सिपाही पवन कुमार ने दूसरे आतंकी को घायल कर दिया. पवन कुमार ने आतंकियों से लोहा लेते वक्त अदम्य साहस, अनुकरणीय संकल्प शक्ति और अतुलनीय पराक्रम का परिचय दिया. गंभीर रूप से जख्मी होने के बावजूद यह शूरवीर सैनिक आखिरी सांस तक आतंकियों का मुकाबला करते हुए अंततः देश के लिए वीरगति को प्राप्त हुए. संपूर्ण वीर भूमि हिमाचल के साथ देश खेल हर नागरिक को सिपाही पवन कुमार पर गर्व है.


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