Himachal Pradesh: वीर भूमि हिमाचल प्रदेश के वीर सपूत राइफलमैन कुलभूषण मांटा को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है. यह सम्मान उन्हें जीवन के सर्वोच्च बलिदान के बाद मिला. राष्ट्रपति भवन में आयोजित रक्षा अलंकरण समारोह में बलिदानी राइफलमैन कुलभूषण मांटा की मां दुर्मा देवी और धर्मपत्नी नीतू कुमारी ने यह सम्मान ग्रहण किया. 


जिस वक्त राष्ट्रपति भवन में उनके बेटे की वीरता की कहानी बयां की जा रही थी, उस वक्त बलिदानी कुलभूषण मांटा की मां गर्व के साथ आंखों में आंसू लिए पूरी दृढ़ता के साथ अपने बेटे की वीरगाथा सुनती रही. धर्मपत्नी नीतू कुमारी ने भी हिम्मत नहीं हारी और वीर बलिदानी की अर्धांगिनी होने का परिचय दिया. इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का भी ममतामयी रूप नजर आया और उन्होंने बलिदानी कुलभूषण मांटा की मां और धर्मपत्नी को ढांढस बंधाया.






अक्टूबर 2022 में बलिदान हुए थे कुलभूषण मांटा 
अक्टूबर 2022 में उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिला में ऑपरेशन रक्षक में राइफलमैन कुलभूषण मांटा को तैनात किया गया था. कश्मीर राइफल्स 52वीं बटालियन, दी राष्ट्रीय राइफल्स में राइफलमैन कुलभूषण मांटा ने यहां अपने अदम्य साहस, अनुकरणीय संकल्प शक्ति और अतुलनीय पराक्रम का परिचय दिया. कुलभूषण मांटा के नेतृत्व में तलाशी दल दो आतंकवादियों के नजदीक पहुंच गया.


खतरे को भांपते हुए दोनों आतंकवादियों ने वहां से भागने की कोशिश की. इस दौरान कुलभूषण मांटा ने एक आतंकी को पकड़ लिया. इस बीच उसके साथ उनकी मुठभेड़ शुरू हो गई. तभी दूसरे आतंकी ने कायरता से राइफलमैन कुलभूषण पर गोलीबारी शुरू कर दी.






अंतिम सांस तक लड़ते रहे कुलभूषण मांटा
इस घटनाक्रम में राइफलमैन कुलभूषण मांटा बुरी तरह जख्मी हो गए. गंभीर रूप से जख्मी होने के बावजूद उन्होंने बेहद बहादुरी और तत्परता के साथ कार्रवाई कर एक आतंकवादी जिंदा पकड़ वाया. अपनी अंतिम सांस तक वे गोलाबारी का जवाब देते रहे और अंत में वीरगति को प्राप्त हो गए.


शौर्य चक्र सम्मान कुलभूषण मांटा की धर्मपत्नी नीतू कुमारी और मां दुर्गा देवी ने ग्रहण किया. कुलभूषण मूल रूप से जिला शिमला के कुफरी के गौंठ गांव के रहने वाले थे. वीर भूमि हिमाचल प्रदेश के साथ पूरे देश को बलिदानी कुलभूषण मांटा पर गर्व है.


ये भी पढ़ें: हिमाचल प्रदेश में 28 हजार पदों पर नौकरी, किस विभाग में भरी जा रहीं कितनी वैकेंसी, यहां जानें पूरी डिटेल