Himachal Politics: गंगूराम मुसाफिर की हिमाचल कांग्रेस में गाजे-बाजे के साथ वापसी, अब फिर आ गया मामले में ट्विस्ट
Himachal Congress: हिमाचल प्रदेश में शनिवार को गाजे-बाजे के साथ कांग्रेस के बागी गंगूराम मुसाफिर की कांग्रेस में वापसी हुई. रविवार को संगठन महासचिव रजनीश किमटा ने वापसी को लेकर स्पष्टीकरण दे दिया.
Himachal Pradesh News: लोकसभा चुनाव से पहले हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में एक बड़ा ट्विस्ट देखने को मिला है. शनिवार को जिला सिरमौर के पच्छाद विधानसभा क्षेत्र से संबंध रखने वाले वरिष्ठ नेता गंगूराम मुसाफिर की कांग्रेस में वापसी हुई. गंगूराम मुसाफिर अपने समर्थकों की मौजूदगी में गाजे-बाजे की थाप पर कांग्रेस में वापसी की. इस दौरान हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी मौजूद रहीं.
प्रतिभा सिंह ने पार्टी में गंगूराम मुसाफिर का स्वागत किया. मीडिया से बातचीत करते हुए प्रतिभा सिंह ने उनके वापस आने पर पार्टी के मजबूत होने की बात भी कही. प्रतिभा सिंह के बयान के दौरान उनके साथ हिमाचल कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष संजय अवस्थी भी मौजूद थे.
पूरे घटनाक्रम में आ गया बड़ा ट्विस्ट
अब इस पूरे घटनाक्रम में ट्विस्ट यह है कि रविवार देर रात हिमाचल कांग्रेस के संगठन महासचिव रजनीश किमटा ने इस संबंध में एक स्पष्टीकरण जारी किया. स्पष्टीकरण में कहा गया है कि पच्छाद निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व विधायक गंगूराम मुसाफिर को कांग्रेस पार्टी में अभी वापस नहीं लिया गया है. बीते विधानसभा चुनाव में अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत उन्हें छह साल के लिए कांग्रेस पार्टी से निष्कासित किया गया है.
शनिवार को जोर-जोर के साथ गंगूराम मुसाफिर शिमला स्थित राजीव भवन पहुंचे. हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने खुद उनका स्वागत किया. अब संगठन महासचिव रजनीश किमटा कह रहे हैं कि उनकी वापसी की खबरें गलत हैं. इस संबंध में पार्टी ने निर्णय नहीं लिया है.@ABPNews #HimachalPradesh https://t.co/iO7VHWR83a pic.twitter.com/8xMQHYTsKj
— Ankush Dobhal🇮🇳 (@DobhalAnkush) April 21, 2024
हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने यह स्पष्ट किया है कि पार्टी में गंगूराम मुसाफिर की वापसी का निर्णय दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के पास लंबित है. संगठन महासचिव की ओर से जारी स्पष्टीकरण के बाद एक बार फिर हिमाचल कांग्रेस के नेताओं में समन्वय की कमी को लेकर सवाल खड़े हुए हैं.
गंगूराम मुसाफिर के चुनाव लड़ने से बिगड़ा था खेल
बता दें कि जिला सिरमौर के तहत आने वाले पच्छाद विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस ने दयाल प्यारी को चुनावी मैदान में उतारा था. इस पर गंगूराम मुसाफिर ने पार्टी से बगावत कर दी थी. विधानसभा चुनाव में गंगूराम मुसाफिर को 13 हजार 187, कांग्रेस की दयाल प्यारी को 17 हजार 358 और बीजेपी की रीना कश्यप को 21 हजार 215 वोट पड़े.
इस तरह यहां भी बगावत की वजह से भारतीय जनता पार्टी को जीत मिल गई. रीना कश्यप हिमाचल प्रदेश विधानसभा में जीत हासिल करने वाली एक मात्र महिला विधायक भी हैं.