Himachal Pradesh News: लोकसभा चुनाव से पहले हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में एक बड़ा ट्विस्ट देखने को मिला है. शनिवार को जिला सिरमौर के पच्छाद विधानसभा क्षेत्र से संबंध रखने वाले वरिष्ठ नेता गंगूराम मुसाफिर की कांग्रेस में वापसी हुई. गंगूराम मुसाफिर अपने समर्थकों की मौजूदगी में गाजे-बाजे की थाप पर कांग्रेस में वापसी की. इस दौरान हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी मौजूद रहीं.


प्रतिभा सिंह ने पार्टी में गंगूराम मुसाफिर का स्वागत किया. मीडिया से बातचीत करते हुए प्रतिभा सिंह ने उनके वापस आने पर पार्टी के मजबूत होने की बात भी कही. प्रतिभा सिंह के बयान के दौरान उनके साथ हिमाचल कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष संजय अवस्थी भी मौजूद थे.


पूरे घटनाक्रम में आ गया बड़ा ट्विस्ट


अब इस पूरे घटनाक्रम में ट्विस्ट यह है कि रविवार देर रात हिमाचल कांग्रेस के संगठन महासचिव रजनीश किमटा ने इस संबंध में एक स्पष्टीकरण जारी किया. स्पष्टीकरण में कहा गया है कि पच्छाद निर्वाचन क्षेत्र के पूर्व विधायक गंगूराम मुसाफिर को कांग्रेस पार्टी में अभी वापस नहीं लिया गया है. बीते विधानसभा चुनाव में अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत उन्हें छह साल के लिए कांग्रेस पार्टी से निष्कासित किया गया है.



हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने यह स्पष्ट किया है कि पार्टी में गंगूराम मुसाफिर की वापसी का निर्णय दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के पास लंबित है. संगठन महासचिव की ओर से जारी स्पष्टीकरण के बाद एक बार फिर हिमाचल कांग्रेस के नेताओं में समन्वय की कमी को लेकर सवाल खड़े हुए हैं.


गंगूराम मुसाफिर के चुनाव लड़ने से बिगड़ा था खेल


बता दें कि जिला सिरमौर के तहत आने वाले पच्छाद विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस ने दयाल प्यारी को चुनावी मैदान में उतारा था. इस पर गंगूराम मुसाफिर ने पार्टी से बगावत कर दी थी. विधानसभा चुनाव में गंगूराम मुसाफिर को 13 हजार 187, कांग्रेस की दयाल प्यारी को 17 हजार 358 और बीजेपी की रीना कश्यप को 21 हजार 215 वोट पड़े.


इस तरह यहां भी बगावत की वजह से भारतीय जनता पार्टी को जीत मिल गई. रीना कश्यप हिमाचल प्रदेश विधानसभा में जीत हासिल करने वाली एक मात्र महिला विधायक भी हैं.