Himachal Pradesh News:  देश की संसद में कांग्रेस (Congress) और गौतम अडानी (Gautam Adani) के बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को घेरने का काम कर रही है. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान लोकसभा (Lok Sabha) और राज्यसभा (Rajya Sabha) में प्रधानमंत्री के वक्तव्य के बीच अडानी के विरोध में जोरदार नारेबाजी की गई. राज्यसभा में तो विपक्षी सांसद प्रधानमंत्री के पूरे वक्तव्य के दौरान लगातार नारेबाजी करते रहे.


हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh ) में भी सत्ता परिवर्तन के बाद अब अडानी समूह (Adani Group) की परेशानी बढ़ना तय मानी जा रही है. पिछले साल 16 दिसंबर से हिमाचल प्रदेश में अडानी समूह के दो सीमेंट प्लांट बंद पड़े हुए हैं. यहां कंपनी और ट्रक ऑपरेटर यूनियन के बीच माल-भाड़े को लेकर विवाद है. कई दौर की बैठकों के बाद भी मामले में बीच का रास्ता नहीं निकल पा रहा है. इस बीच हिमाचल प्रदेश सरकार ने अडानी समूह पर कार्रवाई करने का मन बना लिया है. अडानी समूह पर इस कार्रवाई के चलते उनकी परेशानी बढ़ना तय माना जा रहा है.


अडानी की व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर छापेमारी


बुधवार को हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने इस बात के संकेत दे दिए हैं. जिला सोलन के परवाणू स्थित अडानी समूह के व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर एक्साइज और टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने छापेमारी की. बताया जा रहा है कि छापेमारी के दौरान कई गड़बड़ियां भी सामने निकल कर आई हैं. हालांकि बाद में इसे केवल स्टॉक का जायजा लेने के लिए की गई रूटीन प्रक्रिया बताया गया. अब ऐसे में सवाल यह है कि अगर यह केवल एक रूटीन प्रक्रिया है, तो सिर्फ अडानी समूह के प्रतिष्ठानों पर ही क्यों रूटीन चेकिंग की गई. साथ ही इसकी टाइमिंग पर भी सवालिया निशान हैं.


कई बार मिल चुके हैं कार्रवाई के संकेत


सीमेंट प्लांट अब तक शुरु न हो पाने की वजह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अडानी समूह के अड़ियल रवैया को बता चुके हैं. उनके कई बयानों में अडानी समूह पर कार्रवाई के संकेत साफ झलकते रहे हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने माल भाड़े को लेकर चल रहे विवाद के मामले में सीधे तौर पर ट्रक ऑपरेटरों के साथ खड़े होने की बात कही थी. इसके अलावा प्रदेश के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने भी अडानी समूह पर कार्रवाई की बात कही थी.


हिमाचल प्रदेश में अडानी समूह के तीन कोल्ड स्टोर भी हैं. इन कोल्ड स्टोर में बागवान अपने सेब बेचते हैं, लेकिन इन स्टोर में बागवानों को जाने की अनुमति नहीं है. इस पर बागवानी मंत्री ने भी सेब सीजन से पहले अडानी स्टोर की चेकिंग करने की बात कही है. कुल-मिलाकर हिमाचल प्रदेश सरकार अडानी समूह पर कार्रवाई का पूरा मन बना चुकी है. इसके लिए हिमाचल प्रदेश सरकार को केंद्रीय नेतृत्व से भी हरी झंडी मिल चुकी है.


हिमाचल में घिरते नजर आएंगे गौतम अडानी?


संसद में कांग्रेस लगातार अडानी समूह की जांच के लिए ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी बनाने की मांग कर रही है. हालांकि सरकार कमेटी बनाने के पक्ष में नजर नहीं आ रही. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोनों सदनों में दिए गए वक्तव्य में यह स्पष्ट हुआ है कि सरकार अडानी समूह के मामले को तूल देने के मूड में नहीं है. इस बीच हिमाचल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद अडानी समूह के साथ लगातार फेल हो रही सरकार की वार्ताएं और सरकार की ओर से बार-बार कार्रवाई के संकेत भविष्य में बड़े विवाद को जन्म दे सकते हैं.


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