IPS Zahur Haider Zaidi Suspension Revoked: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के गुड़िया रेप और मर्डर केस से जुड़े एक अन्य कस्टोडियल डेथ मामले के आरोपी आईपीएस जहूर हैदर जैदी को सेवा बहाली मिल गई है. आईजी रैंक के अफसर जहूर जैदी को हिमाचल प्रदेश सरकार (Himachal Pradesh Government) ने शुक्रवार को बहाल कर दिया है. आईपीएस जहूर जैदी को प्रदेश सरकार ने 15 जनवरी 2020 को सस्पेंड किया था. उनकी सेवाओं को तीन साल बाद बहाल किया गया है. आईजी जहूर जैदी फिलहाल पुलिस मुख्यालय शिमला (Shimla) में रिपोर्ट करेंगे. उनके तैनाती के आदेश अलग से जारी किए जाएंगे. राज्य के गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं.
आईपीएस जहूर जैदी साल 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. अपनी जमानत के लिए जहूर जैदी पहले सुप्रीम कोर्ट भी गए थे. सुप्रीम कोर्ट से उन्हें 5 अप्रैल 2019 को ट्रायल कोर्ट की शर्तों के अनुसार जमानत दे दी गई थी. फिर ट्रायल कोर्ट ने 24 जनवरी 2020 को उनकी नियमित जमानत रद्द कर दी थी. इस दौरान जैदी की तरफ से दलील दी गई थी कि सुप्रीम कोर्ट की जमानत को ट्रायल कोर्ट खारिज नहीं कर सकता. निलंबन के तीन साल के बाद अब आईपीएस जहूर जैदी को सेवा बहाली मिली है.
क्या है मामला?
शिमला जिला के कोटखाई में 4 जुलाई 2017 को 16 वर्षीय एक छात्रा स्कूल से लौटते वक्त लापता हो गई थी. 6 जुलाई को कोटखाई के तांदी के जंगल में छात्रा का निर्वस्त्र शव मिला. शिमला पुलिस की जांच में छात्रा से रेप के बाद हत्या होने की बात सामने आई थी. इस मामले की जांच के लिए शिमला के तत्कालीन आईजी जहूर हैदर जैदी की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की गई. एसआईटी ने इस मामले में एक स्थानीय युवक सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया. इनमें से एक नेपाली युवक सूरज की कोटखाई थाने में पुलिस हिरासत के दौरान मौत हो गई थी. सूरज की कस्टोडियल के मामले में ही जहूर जैदी को निलंबित किया गया था.
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