Himachal News: हिमाचल प्रदेश सरकार में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के बयान को गैर जिम्मेदाराना और बचकाना करार दिया. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि इस तरह के बयान पंजाब के मुख्यमंत्री को शोभा नहीं देते. उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में जो तबाही हुई, वह बादल फटने से हुई. ऐसे में अब पानी बहकर तो नीचे की तरफ ही जाएगा. पानी ऊपर से नीचे की तरफ नहीं आ सकता. इसके लिए न तो हिमाचल प्रदेश सरकार जिम्मेदार है और न ही हिमाचल प्रदेश के लोग. पानी अगर पंजाब में जा रहा है, तो इससे हिमाचल के हक की लड़ाई खत्म नहीं हो जाती. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार पंजाब के साथ अपने मुद्दों को बातचीत के साथ सुलझाना चाहती है. मीडिया में इस तरह के बयान देना सही नहीं है.



सीएम भगवंत सिंह मान का बयान


बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवान सिंह मान ने वीरवार को मीडिया के साथ बातचीत के दौरान कहा था कि पूरे पंजाब में पानी भरा पड़ा हुआ है. अब हिमाचल प्रदेश और हरियाणा पानी पर अपना अधिकार नहीं मान मांग रहे. उन्होंने कहा था कि बाढ़ के पानी को भी दोनों राज्यों को अपने साथ ले जाना चाहिए. उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार पर हमला साधते हुए कहा था कि प्रदेश हिमाचल सरकार बार-बार अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए पहुंचती है और यहां हिमाचल प्रदेश से आ रहे पानी से पंजाब की जनता परेशान है. ऐसे तो हिमाचल प्रदेश सरकार पानी पर वाटर सेस लगाने की बात कर रही है और पानी को बाढ़ के पानी को लगातार पंजाब की तरफ छोड़ा जा रहा है. हिमाचल सरकार को या पानी रोकना चाहिए. भगवंत सिंह मान ने यह भी कहा था कि पंजाब तो पूरी दुनिया को बचाता आया है. आपदा के वक्त रेड क्रॉस वहां पहुंचे या न पहुंचे, लेकिन गुरु का लंगर कहां पहुंची जाता है.




जानिए क्या है पूरा मामला?


गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश की पन बिजली परियोजनाओं पर वाटर सेस लगाया है. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश सरकार चंडीगढ़ पर लगातार 7.19 फ़ीसदी हिस्से की भी लड़ाई लड़ रही है. दोनों राज्यों के बीच इस मुद्दे को लेकर लगातार तनातनी देखने को मिल रही है. हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार लगातार इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रही है इसी बीच जब हिमाचल प्रदेश और पंजाब आपदा से त्रस्त है. उस वक्त पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने हिमाचल सरकार को आड़े हाथों ले लिया.