Hindu temple in Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) को देवभूमि कहा जाता है. इस पावन धरती को देवभूमि कहकर पुकारने की वजह है. यहां हर कस्बे, गांव, शहर और पहाड़ों की चोटियों पर देवता निवास करते हैं. देवता यहां न केवल आस्था के केंद्र हैं, बल्कि वह पहाड़ की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा भी हैं. यूं तो हिमाचल प्रदेश में अनेक मंदिर हैं, लेकिन इनमें से कुछ अपने इतिहास और मान्यताओं की वजह से बेहद खास हैं. ऐसा ही एक खास और पुरातन मंदिर है, हाटू माता मंदिर (Hatu Mata Temple).


राजधानी शिमला ( Shimla) से करीब 61 किलोमीटर दूर घने पेड़ों के बीच बसा नारकंडा (Narkanda) अपनी खूबसूरत वादियों के लिए मशहूर है. नारकंडा से महज सात किलोमीटर दूर पहाड़ की चोटी पर मां हाटू का मंदिर है. सुंदर लकड़ियों से बना यह मंदिर देखने में तो खूबसूरत है ही. साथ ही धार्मिक मान्यताओं में भी इस मंदिर का बड़ा महत्व है. हजारों लोगों की आस्था का केंद्र यह मंदिर अपने खूबसूरत और शांत वातावरण के लिए भी जाना जाता है.


रावण की पत्नी मंदोदरी ने बनवाया था मंदिर 


हाटू माता मंदिर को लेकर मान्यता है कि मंदिर का निर्माण रावण की पत्नी मंदोदरी ने करवाया था. वैसे तो यह जगह लंका बेहद दूर है, लेकिन स्थानीय लोगों में ऐसी कथा प्रचलित है कि रावण की पत्नी मंदोदरी मां हाटू की परम भक्त थीं. मंदोदरी अक्सर यहां माता के दर्शन और पूजा करने के लिए आया करती थी. बताया जाता है कि मंदोदरी ने ही प्राचीन काल में यहां मां हाटू की आस्था में मंदिर का निर्माण किया था.


जमीन खोदने पर निकलते हैं कोयले


मां हाटू पर आस्था रखने वाले और खास तौर पर स्थानीय लोगों में एक महाभारत काल से जुड़ी हुई मान्यता भी प्रचलित है. मान्यता के अनुसार महाभारत काल में पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान हाटू माता मंदिर में काफी समय बिताया था. पांडवों ने यहां माता की कठिन तपस्या और उपासना कर शत्रुओं पर विजय पाने का वरदान भी प्राप्त किया. मंदिर के पास ही तीन बड़ी चट्टानें हैं. इन चट्टानों के बारे में कहा जाता है कि यह भीम का चूल्हा है. आज भी अगर खुदाई करने पर जला हुआ कोयला मिलता है. स्थानीय लोग इन कोयलों को इस बात का साक्षी मानते हैं कि पांडव इस जगह पर खाना बनाया करते थे.


जेष्ठ महीने के पहले रविवार की है बड़ी मान्यता


यूं तो मां हाटू के द्वार भक्तों के लिए हमेशा खुले रहते हैं, लेकिन हिंदू पंचांग के अनुसार जेष्ठ महीने के पहले रविवार को माता के दर्शन करने का बड़ा महत्व है. यह दिन माता को बेहद प्रिय है. बताया जाता है कि इसी दिन पुरातन काल में यहां माता को स्थापित किया गया. मां हाटू पर आस्था रखने वाले इस दिन उनके दर्शन करते हैं. कहते हैं कि इस दिन मां के दर्शन करने से मां की विशेष अनुकंपा प्राप्त होती है.


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