Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश सरकार नई करुणामूलक रोजगार नीति पर विचार कर रही है. शिमला स्थित राज्य सचिवालय में सोमवार को हाईपावर कमेटी की मीटिंग हुई. कमेटी की मीटिंग की अध्यक्षता मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने की. हाईपावर मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार एक नई करुणामूलक रोजगार नीति बनाने पर विचार कर रही है.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कहा- "सेवा के दौरान अपने परिवार के सदस्यों को खोने वाले लोगों को रोजगार देने के लिए प्रदेश सरकार उदार और सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण से काम कर रही है. राज्य सरकार विधवाओं और अनाथों को अनुकंपा के आधार पर रोजगार प्रदान करने में प्राथमिकता देकर आश्रितों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है".
अधिकारियों को CM सुक्खू के निर्देश
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश भी जारी कर दिए हैं. अधिकारियों को हर विभाग का डाटा जुटाने के लिए कहा गया है. अधिकारी यह डाटा जुटाकर प्रस्तुत करेंगे कि किस विभाग में करुणामूलक आधार पर भर्तियों के लिए पद खाली पड़े हुए हैं. अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि इस नई करुणामूलक रोजगार नीति के जरिए ज्यादा से ज्यादा परिवारों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की जाए.
राज्य सचिवालय में हुई इस बैठक के दौरान राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार सचिव एम. सुधा देवी, राकेश कंवर और सचिव विधि शरद कुमार लग्वाल मौजूद थे.
वहीं, हिमाचल प्रदेश करुणामूलक संघ के अध्यक्ष अजय कुमार ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार से जल्द से जल्द करणामूलक भर्तियां पूरी करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि डाटा जुटाने का यह काम तो लंबे वक्त से किया जा रहा है.
करुणामूलक आधार पर नौकरियों का इंतजार कर रहे परिवारों की संख्या करीब 3 हजार 260 है. साथ ही उन्होंने यह भी मांग उठाई है कि राज्य सरकार वरिष्ठता के आधार पर दे. नौकरी देने में किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने राज्य सरकार से सकारात्मक के साथ आगे बढ़ने का भी आग्रह किया है.
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