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बैजनाथ में मनाया जाएगा हिमाचल का 55वां पूर्ण राज्यत्व दिवस, CM सुक्खू करेंगे राज्यस्तरीय समारोह की अध्यक्षता
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश का पूर्ण राज्यत्व दिवस बैजनाथ में मनाया जाएगा. यहां होने वाले राज्यस्तरीय कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू करेंगे.
Himachal Pradesh News: गणतंत्र दिवस से ठीक एक दिन पहले 25 जनवरी को हिमाचल प्रदेश अपना पूर्ण राज्यत्व दिवस मनाएगा. 25 जनवरी, 1971 को शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान से देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्यत्व देने की घोषणा की थी. तब से लेकर अब तक हर साल पूर्ण राज्यत्व दिवस मनाया जाता है. हिमाचल प्रदेश का पूर्ण राज्यत्व दिवस 25 जनवरी को मनाया जाना है.
हिमाचल प्रदेश के 55वें पूर्ण राज्यत्व दिवस का राज्य स्तरीय समारोह इस बार जिला कांगड़ा के बैजनाथ में होगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इसकी अध्यक्षता करेंगे. बैजनाथ में होने वाले राज्यत्व के समारोह के संबंध में पत्र भी जारी किया जा चुका है. जिला कांगड़ा हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है. बैजनाथ इसी जिले के तहत आता है. इस राज्यस्तरीय समारोह के जरिए कांग्रेस सरकार सियासत के लिहाज से कांगड़ा के किले को मजबूत करने की कोशिश करेगी. इससे पहले साल 2024 में पूर्ण राज्यत्व दिवस समारोह जिला मंडी के धर्मपुर में हुआ था.
पूर्ण राज्य का दर्जा मिले 54 साल होंगे पूरे
पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले 54 साल पूरे होने जा रहे हैं. अब हिमाचल अपने पूर्ण राज्यत्व के 55वें साल में दाखिल होगा. हिमाचल प्रदेश का पांच दशक से ज्यादा का यह सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा. 25 जनवरी 1971 का वह ऐतिहासिक दिन था, जब देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य बनाने की घोषणा की थी. उस वक्त रिज मैदान पर तापमान माइनस डिग्री था और आसमान से बर्फ गिर रही थी. इंदिरा गांधी भी कई मुश्किलों के बाद अनाडेल से रिज मैदान तक पहुंच पाई थी.
15 अप्रैल 1948 को बना था हिमाचल
हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के खिलाफ कई संस्थाएं थी. बावजूद इसके लंबे संघर्ष के बीच हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया. 15 अप्रैल, 1948 को 30 छोटी-बड़ी पहाड़ी रियासतों को मिलाकर हिमाचल के कमिश्नर प्रोविंस के रूप में अस्तित्व में आया था. महासू, मंडी, चंबा और सिरमौर को अलग-अलग जिलों का दर्जा दिया गया था. उस समय हिमाचल प्रदेश का क्षेत्रफल 10 हजार 451 वर्ग मील और जनसंख्या सिर्फ 9 लाख 83 हजार 367 थी. साल 1950 में हिमाचल प्रदेश को सी स्टेट का दर्जा देकर यहां विधानसभा के गठन का प्रावधान किया गया.
देश का 18वां राज्य बना था हिमाचल प्रदेश
शिमला के ऐतिहासिक टका बेंच से जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य बनाने की घोषणा की, तब वहां मौजूद हर शख्स खुशी से झूम उठा. खुद इंदिरा गांधी ने वहां स्थानीय महिलाओं के साथ नाटी डाली. इससे पहले इंदिरा गांधी यहां खुली जीप में रोड शो करते हुए रिज पर पहुंची थी. इंदिरा गांधी की ओर से इस बड़ी घोषणा के बाद हिमाचल प्रदेश भारत के 18 वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया. तब से लेकर अब तक हिमाचल प्रदेश ने कई बड़े उदाहरण स्थापित किए हैं. कई मुश्किलों के बावजूद हिमाचल प्रदेश ने कभी अपने कदम पीछे नहीं हटाए और निरंतर आगे बढ़ता चला जा रहा है.
हिमाचल प्रदेश के 55वें पूर्ण राज्यत्व दिवस का राज्य स्तरीय समारोह इस बार जिला कांगड़ा के बैजनाथ में होगा. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इसकी अध्यक्षता करेंगे. बैजनाथ में होने वाले राज्यत्व के समारोह के संबंध में पत्र भी जारी किया जा चुका है. जिला कांगड़ा हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है. बैजनाथ इसी जिले के तहत आता है. इस राज्यस्तरीय समारोह के जरिए कांग्रेस सरकार सियासत के लिहाज से कांगड़ा के किले को मजबूत करने की कोशिश करेगी. इससे पहले साल 2024 में पूर्ण राज्यत्व दिवस समारोह जिला मंडी के धर्मपुर में हुआ था.
पूर्ण राज्य का दर्जा मिले 54 साल होंगे पूरे
पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले 54 साल पूरे होने जा रहे हैं. अब हिमाचल अपने पूर्ण राज्यत्व के 55वें साल में दाखिल होगा. हिमाचल प्रदेश का पांच दशक से ज्यादा का यह सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा. 25 जनवरी 1971 का वह ऐतिहासिक दिन था, जब देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य बनाने की घोषणा की थी. उस वक्त रिज मैदान पर तापमान माइनस डिग्री था और आसमान से बर्फ गिर रही थी. इंदिरा गांधी भी कई मुश्किलों के बाद अनाडेल से रिज मैदान तक पहुंच पाई थी.
15 अप्रैल 1948 को बना था हिमाचल
हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के खिलाफ कई संस्थाएं थी. बावजूद इसके लंबे संघर्ष के बीच हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया. 15 अप्रैल, 1948 को 30 छोटी-बड़ी पहाड़ी रियासतों को मिलाकर हिमाचल के कमिश्नर प्रोविंस के रूप में अस्तित्व में आया था. महासू, मंडी, चंबा और सिरमौर को अलग-अलग जिलों का दर्जा दिया गया था. उस समय हिमाचल प्रदेश का क्षेत्रफल 10 हजार 451 वर्ग मील और जनसंख्या सिर्फ 9 लाख 83 हजार 367 थी. साल 1950 में हिमाचल प्रदेश को सी स्टेट का दर्जा देकर यहां विधानसभा के गठन का प्रावधान किया गया.
देश का 18वां राज्य बना था हिमाचल प्रदेश
शिमला के ऐतिहासिक टका बेंच से जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य बनाने की घोषणा की, तब वहां मौजूद हर शख्स खुशी से झूम उठा. खुद इंदिरा गांधी ने वहां स्थानीय महिलाओं के साथ नाटी डाली. इससे पहले इंदिरा गांधी यहां खुली जीप में रोड शो करते हुए रिज पर पहुंची थी. इंदिरा गांधी की ओर से इस बड़ी घोषणा के बाद हिमाचल प्रदेश भारत के 18 वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया. तब से लेकर अब तक हिमाचल प्रदेश ने कई बड़े उदाहरण स्थापित किए हैं. कई मुश्किलों के बावजूद हिमाचल प्रदेश ने कभी अपने कदम पीछे नहीं हटाए और निरंतर आगे बढ़ता चला जा रहा है.
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