Himachal Pradesh Apple: देश भर में हिमाचल प्रदेश को सेब राज्य के तौर पर भी जाना जाता है. हिमाचल प्रदेश में सेब की आर्थिक की पांच हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की है. यहां लाखों लोगों का रोजगार सेब बागवानी से जुड़ा हुआ है. हिमाचल प्रदेश सरकार ने आगामी सेब सीजन से यूनिवर्सल कार्टन में बेचने का ही फैसला लिया है.


राज्य सरकार इसे लेकर समय-समय पर बैठक भी कर रही है. हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि सेब सिर्फ यूनिवर्सल कार्टन में ही बिके. इससे सेब बागवान हर सीजन में बिचौलियों के शोषण से बच सकेंगे. 


पहली बार होगा यूनिवर्सल कार्टन का इस्तेमाल


हिमाचल प्रदेश सरकार ने सेब की बिक्री के लिए यूनिवर्सल कार्टन तय किया है. यूनिवर्सल कार्टन की क्षमता 20 किलो प्रति पेटी होगी. इससे बागवानों को प्रति किलो के हिसाब से अपने सेब के दाम मिल सकेंगे. इससे पहले बाजार में टेलीस्कोपिक कार्टन का इस्तेमाल होता रहा है.


टेलीस्कोपिक कार्टन में बागवानों पर दबाव बनाकर उनसे पेटी में ट्रे की संख्या बढ़ाई जाती थी. पेटी में ट्रे की संख्या बढ़ने से उसमें अतिरिक्त सेब जाता था. इस प्रकिया में पेटी के दाम वजन के साथ नहीं बढ़ते थे. इससे बागवानों को नुकसान झेलना पड़ता था. अब यूनिवर्सल कार्टन में बागवानों को प्रति किलो के हिसाब से सेब के दाम मिलेंगे. हालांकि यह पहली बार है, जब यूनिवर्सल कार्टन में सेब की बिक्री होगी. ऐसे में बागवानों की नजर इससे होने वाले नुकसान पर भी रहेगी, क्योंकि इसमें बागवानों के लिए पेटी में इस्तेमाल होने वाले गत्ते का खर्चा भी बढ़ जाएगा.


बागवानी मंत्री के प्रशासन को सख्त आदेश


हिमाचल प्रदेश के बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा है कि राज्य सरकार आगामी सेब सीजन के दौरान फल उत्पादकों को लाभ पहुंचाने के लिए यूनिवर्सल कार्टन की शुरूआत सुनिश्चित करेगी. हिमाचल प्रदेश सेब उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है.


यह राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है. सेब सीजन के महत्व को देखते हुए राज्य सरकार सेब सीजन को सफल बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोडे़गी. सभी हितधारकों के लाभ के लिए राज्य में यूनिवर्सल कार्टन का उपयोग किया जाएगा.


उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से सेब उत्पादकों से किए गए वायदे को पूरा करने के लिए पिछले साल वजन (किलोग्राम) के हिसाब से सेब की बिक्री शुरू की गई थी. उन्होंने फल व्यापारियों के पंजीकरण और उनको लाइसेंस देने के साथ फल उत्पादकों को समय पर भुगतान करने पर भी बल दिया. राज्य सरकार की ओर से किलोग्राम और किलोमीटर के आधार पर सेब के परिवहन के लिए माल ढुलाई शुल्क निर्धारित करने के निर्देश दिए गए हैं.


हिमाचल विधानसभा की सिक्योरिटी को लेकर बड़ा फैसला, स्थायी सुरक्षा बलों की होगी तैनाती