हिमाचल विधानसभा में हुई भर्तियों पर धांधली के आरोप! सचिवालय ने पेश किए ये तथ्य
Himachal Assembly News: हिमाचल विधानसभा में हुई भर्तियों पर युवाओं ने गड़बड़ी का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि बड़े नेताओं के करीबियों को नौकरियां दी गईं. इसपर अब सचिवालय ने सफाई दी है.

Himachal Pradesh News: हाल ही में हिमाचल प्रदेश विधानसभा में JOA-IT, माली, स्टेनोग्राफर, रिपोर्टर और ड्राइवर समेत विभिन्न श्रेणियां के पद भरे गए हैं. इनमें कई युवाओं को रोजगार मिला है. राज्य के अन्य युवा और परीक्षा अभ्यर्थी इस भर्ती में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं.
युवाओं का आरोप है कि बड़े नेताओं के करीबियों को नौकरी दी गई है. इस पूरे मामले में सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रिया देखने के लिए मिल रही है. इस पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा सचिवालय की ओर से स्पष्टीकरण जारी किया गया है.
नियमों के मुताबिक ही हो रही भर्ती- प्रवक्ता
विधानसभा सचिवालय के प्रवक्ता ने कहा कि कुछ समाचार पत्रों और सोशल मीडिया में विधानसभा सचिवालय में अभी हाल ही में हुई भर्तियों पर तथ्यहीन, गैर जिम्मेदाराना और भ्रामक बयानबाजी की जा रही है. यह दु:खद और समझ से परे हैं.
प्रवक्ता ने कहा कि जब से विधानसभा अस्तित्व में आई है, तब से लेकर नियुक्तियों में सभी जिलों के अभ्यर्थियों का पात्रता अनुरूप चयन किया गया है. इनमें शिमला से 37, सिरमौर से 11, बिलासपुर से तीन, हमीरपुर से सात, कांगड़ा से 36, ऊना से तीन, चंबा से पांच, मंडी से 49, किन्नौर से एक, सोलन से 14, कुल्लू से एक, उत्तराखंड से दो और चंडीगढ़ से एक कर्मचारी को नियुक्ति दी गई है.
भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता का किया दावा
विधानसभा सचिवालय की ओर से कहा गया है कि हाल ही में हुई भर्ती की प्रक्रिया में मेरिट के आधार पर की गई नियुक्तियों में प्रदेश के सभी जिलों से हुई हैं. इनमें शिमला से दो, सिरमौर से दो, बिलासपुर से एक, हमीरपुर से सात, कांगड़ा से एक, ऊना से एक, चंबा से 15, मंडी से दो और लाहौल स्पीति से एक अभ्यर्थी का चयन हुआ है.
हिमाचल प्रदेश विधान सभा में भी राजभवन, उच्च न्यायालय और प्रदेश लोक सेवा आयोग की तरह भर्तियां निजी सचिवालयों से ही की जाती हैं. भर्ती प्रक्रिया में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है और सभी भर्तियां उच्चतम न्यायालय की के से निर्दिष्ट सभी वर्गों को आरक्षण अनुरूप पहले की तरह निर्धारित नियमों और मानदंडों के अनुसार की गई हैं.
विशेषाधिकार का हनन माने जायेंगे बेबुनियाद आरोप
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सचिवालय के प्रवक्ता ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का पद संवैधानिक है. भर्तियों को लेकर विधानसभा अध्यक्ष पर आरोप लगाना असंवैधानिक है. यदि तथ्य जाने बिना कोई भी मीडिया या सोशल मीडिया से संवैधानिक पद पर आक्षेप लगाएगा, तो वह संवैधानिक पद की मर्यादा और विशेषाधिकार का हनन माना जाएगा.
हिमाचल बीजेपी भी लगा चुकी है गड़बड़ी के आरोप
गौर हो कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा में हुई भर्तियों पर भारतीय जनता पार्टी ने भी सवाल खड़े किए हैं. बीजेपी विधायक रणधीर शर्मा ने भी भर्ती में गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं. इसी तरह तत्कालीन वीरभद्र सरकार में डिप्टी एडवोकेट जनरल रहे विनय शर्मा ने भी भर्तियों में पर सवाल खड़े किए हैं. विपक्ष ने आरोप लगाते हुए पूछा है कि आखिर क्यों कुछ विशेष विधानसभा क्षेत्र से ही युवाओं को भर्ती किया गया है. परीक्षा देने वाले चंबा के एक अभ्यर्थी ने मामले में राज्यपाल को पत्र लिखकर जांच की मांग भी उठाई है.
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