HP Election 2022: हिमाचल में बागियों के संकट से बीजेपी और कांग्रेस परेशान, इन नेताओं ने किया निर्दलीय नामांकन
बीजेपी के राहत की खबर है कि राज्य महिला मोर्चा की महासचिव वंदना गुलेरिया जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह की बेटी ने अपने भाई रजत ठाकुर के विरोध में मंडी के धर्मपुर से पर्चा दाखिल नहीं किया.
HP Assembly Polls 2022: हिमाचल प्रदेश में टिकट बंटवारे से असंतुष्ट बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों में 15-15 से अधिक उम्मीदवार विधानसभा चुनाव के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरे हैं. इससे पार्टियों में बेचैनी बढ़ गई है. वहीं नामांकन करने की अंतिम तारीख 25 अक्टूबर थी.
हिमाचल में 12 नवंबर को होगा मतदान
वहीं दोनों पार्टियां अब उन्हें अपनी उम्मीदवारी वापस लेने के लिए मनाने की कोशिशें तेज करेंगी. बागियों द्वारा लूट का खेल खेलने की स्पष्ट तस्वीर 29 अक्टूबर को ही सामने आएगी, जो नामांकन पत्र वापस लेने की आखिरी तारीख है. 68 सीटों के लिए 12 नवंबर को मतदान और 8 दिसंबर को मतगणना होगी. इस बीच बीजेपी ने राहत की सांस ली क्योंकि राज्य महिला मोर्चा की महासचिव वंदना गुलेरिया जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह की बेटी ने अपने भाई रजत ठाकुर के विरोध में मंडी के धर्मपुर से पर्चा दाखिल नहीं किया.
कूल्लू में बीजेपी की स्थिति चिंताजनक
हालांकि, कुल्लू में बीजेपी के लिए स्थिति चिंताजनक है क्योंकि पूर्व सांसद महेश्वर सिंह और उनके बेटे हितेश्वर सिंह कुल्लू (सदर) और आसपास की बंजार सीट से बीजेपी के बागी के रूप में मैदान में हैं. बीजेपी ने आज महेश्वर का टिकट बदल दिया क्योंकि वह अपने बेटे को चुनाव से संन्यास लेने के लिए मनाने में विफल रहे. अब पिता भी बागी हो गए हैं और निर्दलीय के तौर पर पर्चा दाखिल कर चुके हैं.
बीजेपी में इन नेताओं ने किया निर्दलीय नामांकन
बीजेपी के प्रमुख बागियों में पूर्व सांसद महेश्वर सिंह (कुल्लू), उनके बेटे हितेश्वर सिंह (बंजर), पूर्व राज्यसभा सांसद कृपाल परमार (फतेहपुर), पूर्व विधायक तेजवंत नेगी (किन्नौर), केएल ठाकुर (नालागढ़), अभिषेक ठाकुर (सुंदरनगर) शामिल हैं. , प्रवीण शर्मा (मंडी सदर), सुभाष शर्मा (बिलासपुर सदर), विपिन नेहरिया (धर्मशाला), मनोहर धीमान (इंदौरा), इंद्र कपूर (चंबा), संजीव शर्मा (बदसर), राजिंदर धीरता (रोहड़ू) और राज कुमार कौंडल (झंडुता) हैं.
कांग्रेस के इन नेताओं ने किया निर्दलीय नामांकन
वहीं कांग्रेस के लिए स्थिति कुछ वरिष्ठ नेताओं के साथ भी उतनी ही चिंताजनक है, जिन्हें टिकट से नहीं दिया गया है. निर्दलीय के रूप में मैदान में उतरे. इनमें प्रमुख हैं पूर्व मंत्री गंगू राम मुसाफिर (पछड़) और कुलदीप कुमार (चिंतपूर्णी) और पूर्व विधायक जगजीवन पाल (सुल्लाह), सुभाष मंगलेट (चोपल), तिलक राज (बिलासपुर) और बीरू राम किशोर (झंडुता), विजय पाल खाची ( ठियोग), पारस राम (अन्नी), लाल सिंह कौशल (नचन), सतीश कौल (जयसिंहपुर), संजीव भंडारी (जोगिंद्रनगर), राजिंदर ठाकुर (अर्की), सतीश कौल (जयसिंहपुर) और युवराज कपूर (करसोग) शामिल हैं.