Himachal Pradesh Assembly: हिमाचल प्रदेश में बीते दिनों हुई सियासी उठापटक के बीच विधानसभा परिसर में भी गंभीर स्थिति पैदा हो गई थी. बजट सत्र के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में खासी चूक देखने को मिली. हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने इसे लेकर नाराजगी जाहिर की है. साथ ही उन्होंने खेद भी व्यक्त किया. 


कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि सत्र के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में चूक और आपसी तालमेल में काफी कमी देखने को मिली. पठानिया ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि भविष्य में ऐसी गलती नहीं दोहराई जानी चाहिए.


विधानसभा की सुरक्षा में भारी चूक
हिमाचल प्रदेश विधानसभा परिसर में राज्यसभा चुनाव के बाद जब क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के छह विधायक विधानसभा परिसर में आए, तब यहां तब विधानसभा में सुरक्षा व्यवस्था में चूक देखने को मिली. पहले बड़ी संख्या में लोग विधानसभा परिसर के बाहर जमा हो गए.


इसके बाद जब क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों की गाड़ी विधानसभा परिसर के अंदर प्रवेश करने लगी, तब भी स्थिति खराब हो गई. बड़ी संख्या में पुलिस जवानों की तैनाती के बावजूद हालात संभाले नहीं जा सके. कई लोग बिना अनुमति विधानसभा परिसर में भी घुस गए. यही नहीं, विधानसभा में प्रवेश द्वार पर लगाया गया क्रैश बैरियर भी गाड़ियों ने तोड़ दिया.


डीएसपी रैंक अधिकारी की स्थाई नयुक्ति
विधानसभा परिसर में हुई इस चूक के बाद अब यहां डीएसपी रैंक के स्थाई सुरक्षा अधिकारी को तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं. हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के साथ हुई बैठक में कहा कि जल्द ही विधानसभा की सुरक्षा को लेकर एसओपी तैयार की जाएगी. 


डीजीपी ने कहा कि डीएसपी रैंक के जिस अधिकारी की यहां तैनाती होगी, वह अधिकारी समय-समय पर विभाग के साथ सुरक्षा प्रबंधन पुख्ता करेगा. सत्र शुरू होने से पहले 15 दिन पहले 15 सदस्यों का मजबूत और प्रशिक्षित सुरक्षा बल तैनात किया जाएगा. संजय कुंडू ने कहा कि आने वाले एक-दो दिन में हिमाचल प्रदेश सरकार में गृह सचिव को विधानसभा के सुरक्षा समूह के गठन से संबंधित एक रिपोर्ट भी दी जाएगी.


दोबारा गलती न दोहराने के सख्त निर्देश 
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि लोकसभा और विधानमंडल संसदीय प्रणाली के सर्वोच्च संस्थान है. इन्हें सुरक्षा मुहैया करवाना प्राथमिकता होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सुरक्षा प्रबंधन को भी टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ने की जरूरत है, ताकि अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके. उन्होंने कहा कि विधानसभा की सुरक्षा मजबूत करने की जरूरत है. 


पठानिया ने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से अगर विधानसभा की नियमावली में परिवर्तन करना होगा, तो उसे भी किया जाएगा. यहां के नियम बहुत पुराने हैं. अगर आने वाले वक्त में इसकी जरूरत पड़ेगी, तो विधानसभा में नियम भी परिवर्तित होंगे.


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