Himachal News: लोहड़ी के त्योहार के मौके पर हिमाचल प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश मंत्रिमंडल की पहली बैठक के बाद ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली का ऐलान कर दिया. कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले अपने प्रतिज्ञा पत्र में ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली का वादा किया था. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सभी विभाग, निगम और बोर्डों के कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम दी जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 1 लाख 36 हजार कर्मचारियों को इस पेंशन स्कीम का फायदा मिलेगा. इससे प्रदेश पर पहले साल में 800 से 900 करोड़ रुपए का आर्थिक बोझ पड़ेगा. आने वाले वक्त में यह बोझ बढ़ता चला जाएगा.


OPS बहाल करने वाला चौथा राज्य बना हिमाचल
राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब के बाद ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली करने वाला हिमाचल प्रदेश चौथा राज्य बन गया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सोलन में न्यू पेंशन स्कीम कर्मचारी संघ से ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली का वादा किया था. कांग्रेस ने सत्ता में आते ही अब अपने वादे को पूरा कर दिया है. उन्होंने कहा कि ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली कर्मचारियों को लोहड़ी का तोहफा है. उन्होंने कहा कि इस फैसले को लेने में कई अड़चनें और चुनौतियां थीं, लेकिन सामाजिक सुरक्षा देने के लिए सरकार ने यह न्यायसंगत फैसला लिया है.


पूर्व सरकार ने छोड़ी 11 हजार करोड़ की अदायगी
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार ने कर्मचारियों का 9 हजार करोड़ रुपए का एरियर नहीं दिया. इसके अलावा 4 हजार 430 कर्मचारियों की सैलरी का एरियर भी बीजेपी सरकार ने नहीं दिया. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मौजूदा वक्त में कांग्रेस सरकार को पेंशन का 5 हजार 220 करोड़ का एरियर दिया जाना है. उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली पूर्व सरकार ने छठे पे कमिशन का एक हजार करोड़ रुपए के डीए की अदायगी भी नहीं की है. उन्होंने कहा कि जयराम सरकार ने मौजूदा सरकार पर अब 11 हजार करोड़ की अदायगी छोड़ी है. उन्होंने कहा कि सरकार ने चुनाव में फायदा लेने के लिए आखिरी छह महीने में 900 से ज्यादा संस्थान खोले. इससे हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर पांच हजार करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ा. उन्होंने कहा कि सरकार ने चुनाव में फायदा लेने के लिए ही डीजल पर सात रुपए वैट घटा दिया था, जिसे अब कांग्रेस सरकार ने बढ़ा दिया है.


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