Himachal Pradesh: बीजेपी प्रभारी अविनाश राय खन्ना का विपक्ष पर निशाना, कहा- 'वंशवादी विचारधारा से ग्रसित...'
Himacha Politics: अविनाश राय खन्ना ने संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार पर विपक्षी दलों पर करारा प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि उनका वंशवादी नेतृत्व उन्हें आपस में इसलिए जोड़ता है.
Central Vista Project: हिमाचल बीजेपी में प्रभारी अविनाश राय खन्ना (Avinash Rai Khanna) ने संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने के लिए विपक्षी दलों निशाना साधा है. खन्ना ने कहा कि उनका वंशवादी नेतृत्व उन्हें आपस में इसलिए जोड़ता है. क्योंकि इनकी राजशाही पद्धतियों का संविधान के सिद्धांतों से सीधा टकराव है. खन्ना ने पोछे कि नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने वाले अधिकतर विपक्षी दलों को क्या आपस में जोड़ता है? इसका जवाब बहुत ही आसान है. यह राजवंश से चलने वाले राजनीतिक दल हैं, जिनकी राजशाही पद्धति हमारे संविधान के गणतंत्रवाद और लोकतंत्र के सिद्धांतों के ठीक विपरीत है.
विपक्षी दलों को आत्ममंथन की जरूरत
खन्ना ने कहा कि जो पार्टियां संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार कर रही हैं, उनमें लोकतंत्र के प्रति कोई प्रतिबद्धता नहीं है. क्योंकि उनका एकमात्र उद्देश्य राजवंशों के एक चुनिंदा समूह को कायम रखना है. खन्ना ने कहा कि इस तरह का रवैया हमारे संविधान निर्माताओं का अपमान है. इन पार्टियों को आज आत्ममंथन करना चाहिए.
वंशवादी विचार से जुड़े हैं विपक्षी दल
खन्ना ने कहा कि विपक्षी दल वंशवादी मानसिकता वाले हैं. खासतौर से कांग्रेस और नेहरू-गांधी वंश इस आसान सी बात को पचा नहीं पा रहे हैं. आज भारत के लोगों ने एक अत्यंत साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले एक व्यक्ति में अपनी संपूर्ण आस्था व्यक्त की है. वंशवादियों की अभिजात्य मानसिकता उन्हें तार्किक रूप से सोचने से रोक रही है. खन्ना ने कहा कि देश के लोग देख रहे हैं कि कैसे ये पार्टियां राजनीति को देश से ऊपर रख रही हैं. इनकी दलगत राजनीति के लिए इन पार्टियों को देश की जनता एक बार फिर कड़ी सजा देगी.
क्यों विरोध कर रहा विपक्ष?
रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. विपक्षी दल मांग कर रहे हैं कि यह उद्घाटन प्रधानमंत्री को नहीं बल्कि देश की राष्ट्रपति को करना चाहिए. उद्घाटन के विरोध में ही विपक्षी दल इस समारोह में हिस्सा भी नहीं ले रहे हैं. वहीं, सत्तारूढ़ भाजपा ने विपक्षी दलों को बेवजह के विवाद में राष्ट्रपति को बीच में न लाने की भी नसीहत दी है. अब विपक्ष के विरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के नए भवन का उद्घाटन करेंगे.
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