हिमाचल BJP ने पूरा किया 9 जिला अध्यक्षों का चुनाव, शेष 7 जिलों में इस दिन होगी नियुक्ति
हिमाचल बीजेपी ने 9 संगठनात्मक जिलों में सर्वसम्मति से वहां के अध्यक्षों का चुनाव संपन्न हो गया है. शेष 7 जिलों में संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया जल्द ही पूरी होगी.
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी नए जिला अध्यक्षों का चयन करने की मुहिम में जुटी है. भारतीय जनता पार्टी के हिमाचल प्रदेश में 16 संगठनात्मक जिले हैं. इनमें नौ जिलों में सर्वसम्मति से अध्यक्षों का चुनाव कर लिया गया है.
अन्य सात जिलों में सोमवार यानी छह जनवरी तक यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. प्रदेश में हो रहे संगठन के चुनाव अधिकारी डॉ. राजीव भारद्वाज ने बताया कि सर्वसम्मति से नौ जिलों में चुनाव पूरे हो गए हैं. अन्य सात जिलों में भी सोमवार तक यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. इसकी जिम्मेदारी राज्य स्तर के बड़े नेताओं को दी गई है.
हिमाचल भाजपा ने नौ जिला अध्यक्षों का चुनाव सर्वसम्मति से कर लिया है. शेष सात संगठनात्मक जिलों के अध्यक्ष सोमवार तक चुन लिए जाएंगे.@ABPNews @BJP4Himachal #himachalpradesh pic.twitter.com/UTN8l7KY0S
— Ankush Dobhal🇮🇳 (@DobhalAnkush) January 5, 2025
कहां कौन बना अध्यक्ष?
हिमाचल भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रदेश सह चुनाव अधिकारी संजीव कटवाल ने बताया कि चंबा से धीरज नरयाल, पालमपुर से रागिनी रकवाल, देहरा से अजय खट्टा, कुल्लू से अमित सूद, सुंदरनगर से हीरा लाल, मंडी से निहाल चंद शर्मा, सोलन से रतन सिंह पाल, सिरमौर से धीरज गुप्ता और लाहौल स्पीति से रिंगजिन हरियाप्पा को अध्यक्ष चुना गया है. सुंदरनगर से अध्यक्ष बने हीरा लाल जिला मंडी के तहत आने वाले करसोग विधानसभा क्षेत्र के विधायक भी रह चुके हैं. इसी तरह रतन सिंह पाल जिला सोलन के अर्की विधानसभा क्षेत्र से दो बार भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं.
लॉबिंग के लिए नड्डा के पास पहुंचे थे नेता
भारतीय जनता पार्टी में हो रहे संगठनात्मक चुनाव की अहमियत इस तरह से समझी जा सकती है कि राज्य से भाजपा नेता लॉबिंग के लिए सीधा बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के दरबार तक पहुंच रहे हैं. कई नेता छिप-छिपाकर, तो कई नेता खुलेआम जेपी नड्डा के दिल्ली दरबार पहुंचे और अध्यक्ष पद हासिल करने के लिए लॉबिंग की.
फरवरी, 2024 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए विधायकों और पूर्व विधायकों का दल तो विशेष तौर पर जगत प्रकाश नड्डा के पास पहुंचा था और जिला के साथ मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए पर भी की थी. कई संगठनात्मक जिलों में अध्यक्ष की कर समिति से नियुक्ति से पहले खूब विवाद भी हुआ. पार्टी के अंदर की गुटबाजी जमकर सामने भी आई, लेकिन बीजेपी आलाकमान ने डैमेज कंट्रोल कर सर्वसम्मति से चुनाव पूरा करवा ही लिया.
सात संगठनात्मक जिलों में अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद राज्य में भाजपा का नया अध्यक्ष चुना जाना है. डॉ. राजीव बिंदल के दोबारा राज्य अध्यक्ष चुने जाने की भी चर्चाएं जोरों पर हैं. अगर ऐसा होता है, तो वह तीसरी बार अध्यक्ष बनेंगे.