Sukhvinder Singh Sukhu News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की ओर से दिए गए वाले 'भुट्टो को कूटो' बयान पर बवाल जारी है. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी करण नंदा और प्रदेश कार्यालय सचिव प्रमोद ठाकुर ने इस मामले में राज्य चुनाव आयोग को शिकायत दी है. 


भारतीय जनता पार्टी की ओर से शिकायत मिलने के बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने ऊना के जिला निर्वाचन अधिकारी यानी जिला उपायुक्त से इस पूरे मामले में रिपोर्ट तलब की है. राज्य निर्वाचन आयोग ने 24 घंटे में तथ्यात्मक रिपोर्ट दायर करने के लिए कहा है. भारतीय जनता पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री के खिलाफ दी गई शिकायत में चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप लगाए गए हैं. 


गलत तथ्यों के साथ पेश की वीडियो- सुरेश कुमार 


इस मामले में भोरंज के विधायक सुरेश कुमार ने कहा है कि बीजेपी नेता हार देखकर बौखलाहट में जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन यह जनता है सब कुछ जानती है. 'भुट्टो को कूटो' के जिस बयान पर बीजेपी हाय तौबा मचा रही है, उसे चुनाव आयोग और जनता के सामने आधा-अधूरा ही पेश किया जा रहा है. 


मुख्यमंत्री ने भुट्टो को कूटने की बात कभी नहीं की. न ही वह कभी इस तरह की बयानबाजी करते हैं. मुख्यमंत्री ने कुटलैहड़ के समूर कलां में कहा था कि भुट्टो के खिलाफ इतने वोट डालो कि कांग्रेस उम्मीदवार के मतों की संख्या देखकर उसे सबक मिले.


सुरेश कुमार ने कहा कि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि होती है और बिकाऊ को कभी नहीं जिताएगी. बीजेपी नेताओं को जनता के रुख का पता चल चुका है, इसलिए भुट्टो और अन्य बिकाऊ नेता लोगों के सामने खुद को पाक साफ साबित करने की कोशिश कर रहे हैं.


निष्पक्ष कारवाई की उम्मीद- नंदा 


वहीं, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी करण नंदा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जिस तरह बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ बयानबाजी की, वह दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि यह खुलेआम चुनाव आचारसंहिता का उल्लंघन है. करण नंदा ने कहा कि वीडियो सही है या नहीं, यह कांग्रेस पार्टी तय नहीं करेगी. यह काम राज्य निर्वाचन आयोग का है.


नंदा ने मांग उठाई है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के चुनाव प्रचार करने पर काम से कम 15 से 20 दिन की रोक लगाई जाए, ताकि भविष्य के लिए भी यह एक उदाहरण सके. उन्होंने कहा कि जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने किया, वह स्वीकार्य नहीं है. इस वजह से ही भारतीय जनता पार्टी ने राज्य निर्वाचन आयोग को इस मामले की शिकायत दी है. उन्हें उम्मीद है कि इस पूरे मामले में सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.


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