Himachal Pradesh Politics: हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी प्राथमिक सदस्यता और सक्रिय सदस्यता अभियान के लिए आंतरिक चुनाव में जुटी हुई है. बूथ स्तर पर त्रिदेव की नियुक्ति के बाद मंडल अध्यक्ष का चयन किया जाना है. जानकारी के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश में भी भारतीय जनता पार्टी युवा कार्यकर्ताओं की तलाश में है, जिन्हें मंडल अध्यक्ष बनाया जाएगा. भारतीय जनता पार्टी ऐसे कर्मठ कार्यकर्ताओं को आगे लेकर नेता बनना चाहती है, जो न सिर्फ ऊर्जावान हो बल्कि अपनी पूरी टीम को साथ लेकर आगे भी बढ़ सके. पार्टी का लक्ष्य कार्यकर्ताओं को लीडर बनाना है.

 

राजनीति में युवाओं को आगे लाने का लक्ष्य

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 अक्टूबर को वाराणसी में एक युवा नेताओं को राजनीति में लाने की बात कही है. इसका उद्देश्य राजनीति से परिवारवाद खत्म करने युवाओं को मौका देना है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए युवा कार्यकर्ताओं का चयन करने वाली है. मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति में ऐसे युवा कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनकी उम्र 45 साल तक हो. हालांकि इस तरह का कोई लिखित नियम नहीं है. बावजूद इसके अगर पार्टी को इस तरह के कार्यकर्ता मिलते हैं, तो उन्हें प्राथमिकता के आधार पर जिम्मेदारी सौंपी जानी है.

 

सर्वसम्मति से मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति पर ध्यान

हाल ही में हिमाचल बीजेपी में मंडलों की संख्या 74 से बढ़कर 171 कर दी गई है. यानी अब भारतीय जनता पार्टी में 171 मंडल अध्यक्ष बनेंगे. इससे मंडल अध्यक्षों को अपने-अपने मंडल में ज्यादा समय देने का वक्त मिलेगा. इसका ज्यादा फायदा ग्रामीण इलाकों में होगा. जहां मंडल की सीमा बहुत दूर-दूर तक फैली हुई थी और मंडल अध्यक्ष इतने बड़े क्षेत्र को संभालने में सफल नहीं हो पाते थे. भारतीय जनता पार्टी ने एक डिलिमिटेशन समिति का गठन किया था. इसकी अध्यक्षता प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर ने की.

 

इस डिलिमिटेशन समिति ने बीजेपी की संगठनात्मक रचना में बड़ा बदलाव करने का फैसला लिया. भारतीय जनता पार्टी में मंडल अध्यक्ष बनने के लिए आंतरिक स्तर पर राजनीतिक गतिविधियां भी तेज हुई हैं. इस बीच बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व का ध्यान इसी बात पर है कि मंडल अध्यक्ष की का चयन सर्वसम्मति से करवाया जाए. हालांकि यह इतना भी आसान नहीं रहने वाला है क्योंकि हर मंडल पर बीजेपी में आंतरिक गुट सक्रिय हैं, जिनके बीच समन्वय स्थापित करना किसी चुनौती से कम नहीं है.