Himachal News: हिमाचल प्रदेश में भांग (cannabis) की खेती को लीगल करने के लिए बजट सत्र के अंतिम दिन बहस हुई. इस चर्चा का नतीजा यह निकला कि सरकार ने इस ममाले में एक पांच सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया. वहीं बीजेपी के विधायक हंस राज (Hans Raj) ने जिस तरह से इस मुद्दे पर अपनी बात सदन में रखी उसकी खास चर्चा हो रही है. दरअसल, उनका इस मुद्दे पर दिया गया बयान नशा मुक्ति की बात को लेकर बिलकुल भी मेल नहीं खाता है. बता दें कि हिमाचल में भांग की तस्करी और सेवन अवैध है. एनडीपीएस एक्ट के तहत यहां पर चरस तस्करी के लिए सजा का प्रावधान है, लेकिन हंस राज ने तो नशा तस्करी करने वालों को मासूम तक बता दिया.


दरअसल, विधानसभा में हंस राज ने कहा कि वह खुद इसका सेवन कर चुके हैं और एक बार तो इसके सेवन की वजह से चार दिन तक उठ नहीं पाए थे. आगे उन्होंने कहा कि उनके दादा भी 90 साल की उम्र तक रोजाना इसका सेवन करते रहे हैं. जिससे कई फायदे भी हुए, हंस राज ने कहा कि चंबा और चुराह 2-5 हजार रुपये के लिए भांग की ट्रैफिकिंग करते हैं. वहीं इनरे मुख्य सरगना को हम आज तक नहीं पकड़ पाए, लेकिन मासूम लोग जिन्हें 2-3 हजार रुपये की जरूरत है उन्हें जेल भेज दिया जाता है. हंस राज ने बताया कि चरस तस्करी की वजह से हमारे इलाके में काफी नुकसान हुआ और हमारे जिले चंबा में 600 लोग जेलों में बंद हैं. हंस राज ने कहा कि मेरे दादा 90 साल की उम्र में इसका इस्तेमाल करते रहे. 


बांग के नशे से चार दिन नहीं उठ पाया- हंस राज
ऐसा कोई दिन नहीं था, जब वो इसका इस्तेमाल करते थे. हमारी मजबूरी है, क्योंकि हम ठंडे इलाके में रहते हैं. भांग के साथ दही का मिश्रण पाचन क्रिया को बेहतर करता है. उन्होंने कहा कि एक बार उन्होंने भी भांग का सेवन किया, लेकिन चार दिन तक उठ नहीं पाए. साथ ही कहा कि बेटी की बीमारी के लिए डॉक्टरों ने भी भांग के तेल के प्रयोग का सुझाव दिया था. सदन में वह बोले कि हम किसी को नशे की तरफ नहीं धकेल रहे हैं, लेकि उन्होंने जो आंकड़े पेश किए हैं, वो सही हैं और अब परिवारों को बचाना जरूरी हो गया है. दरअसल, हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के अंतिम दिन नियम 63 के तहत भांग की खेती को लीगल करने को लेकर चर्चा की  गई. द्रंग विधानसभा क्षेत्र से विपक्ष के सदस्य पूर्ण चंद ने सदन में इसकी चर्चा का प्रस्ताव लाया. सदस्यों ने भांग के औषधीय गुणों का हवाला देते हुए भांग की खेती करने की मांग उठाई.


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