Himachal Pradesh Disaster News: साल 2023 की तरह इस साल भी हिमाचल प्रदेश में मानसून के दौरान हो रही बारिश लोगों के लिए आफत बनकर बरस रही है. राज्य सरकार को अब तक बारिश की वजह से 450 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. 


इसके अलावा 60 से ज्यादा लोग राज्य में अलग-अलग घटनाओं में अपनी जान गवा चुके हैं. गुरुवार को भी हिमाचल प्रदेश के तीन अलग-अलग स्थान पर बादल फटने की घटना हुई और इन घटनाओं के बाद अब भी 45 लोग लापता हैं. 


सरकार आपदा प्रभावितों तक मदद पहुंचाने का दावा कर रही है. विपक्ष भी सकारात्मक भूमिका निभाने की बात कर रहा है, लेकिन साथ ही विपक्ष प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पर हमलावर भी है.


'आपदा प्रबंधन के काम में आए तेजी'
भारतीय नेता पार्टी के वरिष्ठ नेता और नैना देवी से विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि बीजेपी आपदा के वक्त सरकार के साथ खड़ी है और हर सहयोग देने के लिए तैयार है. उन्होंने सरकार से निवेदन किया है कि आपदा प्रबंधन के कामों में तेजी लाई जाए और प्रभावितों तक हर संभव मदद भी पहुंचाई जाए. 


बीजेपी विधायक रणधीर शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार ने बीते साल भी विशेष राहत पैकेज की घोषणा की, लेकिन इसका फायदा प्रभावितों को नहीं मिला. उन्होंने इसे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार की सबसे बड़ी सफलता करार दिया.


'पिछली आपदा से सरकार ने नहीं ली सीख'
बीजेपी विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि साल 2023 की आपदा से सुक्खू सरकार ने कुछ नहीं सीखा. सरकार ने इससे कोई सबक नहीं लिया. उन्होंने कहा, "बीते साल आपदा के बाद जब विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हुआ, तब इसमें सदस्यों ने कई अहम सुझाव दिए, इन सभी सुझावों को राज्य सरकार ने अनदेखा किया." 


रणधीर शर्मा ने कहा, "विधानसभा में आपदा से निपटने के लिए विशेषज्ञों से सलाह लेने पर चर्चा हुई थी, लेकिन इस दिशा में सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया." उन्होंने कहा कि वे बीजेपी की तरफ से पूरा आश्वासन दे सकते हैं कि केंद्र सरकार से राज्य सरकार को हर संभव मदद दी जाएगी.


'सीएम ले रहे हैं जनविरोधी निर्णय'
रणधीर शर्मा ने कहा, "सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार लगातार एक के बाद एक जनविरोधी निर्णय ले रही है. पहले भी सरकार के भीतर कई विस्फोट हो चुके हैं, लेकिन अब भी जनविरोधी निर्णय लेने से मुख्यमंत्री पीछे नहीं हट रहे हैं." 


श्री नैना देवी जी विधानसभा से विधायक शर्मा ने कहा कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा किया था, लेकिन तत्कालीन जयराम सरकार की ओर से दिए गए 125 यूनिट भी सरकार ने वापस ले लिए. 


बीजेपी विधायक कहा कि हिम केयर योजना का लाभ निजी अस्पतालों में बंद करना जनता के साथ अन्याय है. उन्होंने कहा कि अगर इस योजना में कोई अनियमितता बरती जा रही थी, तो इस पर कार्रवाई की जानी चाहिए थी. किसी भी योजना को बंद कर देना उसका समाधान नहीं है.


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