Himachal Pradesh Politics: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने बुधवार को अपने दो साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है. साल 2022 में 11 दिसंबर के दिन ही सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल के मुख्यमंत्री बने थे. दो साल का कार्यकाल पूरे होने के मौके पर सरकार बिलासपुर में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया. जहां एक तरफ सरकार ने अपने दो साल के कार्यकाल को ऐतिहासिक और व्यवस्था परिवर्तन वाला बताया है, तो वहीं, दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी इस कार्यकाल को भ्रष्टाचार से लिप्त बता रही है. बुधवार को शिमला में भारतीय जनता पार्टी के हाई पावर डेलिगेशन ने राज्यपाल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा. यह ज्ञापन 106 पेज लंबा है और इसमें भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं. हर आरोप के साथ साक्ष्य के तौर पर कागज भी संलग्न किए गए हैं.
जयराम ठाकुर का CM सुक्खू पर निशाना
शिमला में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मुलाकात करने के बाद नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है. बीते दो साल का कार्यकाल असफलताओं से भरा रहा है. जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने दिल्ली में जाकर मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी को हिमाचल आने का न्योता दिया, लेकिन यह स्वीकार ही नहीं हुआ. कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व यह जानता है कि बीते दो सालों में ऐसा कोई काम नहीं हुआ है, जिसका जश्न मनाया जाए.
जयराम ठाकुर ने कहा कि पिछले साल भी जब धर्मशाला में एक साल पूरा होने का जश्न मनाया जा रहा था, तब शिमला होते हुए भी प्रियंका गांधी वहां नहीं पहुंची थीं. हालांकि जयराम ठाकुर ने उस प्रश्न का जवाब देने से इनकार कर दिया, जिसमें उनसे यह पूछा गया था कि क्या भारतीय जनता पार्टी सुखविंदर सिंह को बतौर मुख्यमंत्री पांच साल का कार्यकाल पूरा करने देगी या नहीं.
कच्चा चिट्ठा में क्या आरोप लगाए गए हैं?
भारतीय जनता पार्टी ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल को जो ज्ञापन सौंपा है, उसे 'कच्चा चिट्ठा' का नाम दिया गया है. इसमें कथित भ्रष्टाचार और घोटाले को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. ज्ञापन में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाले सरकार को घोटाले की सरकार करार दिया गया है. इसमें मुख्यमंत्री कार्यालय को भ्रष्टाचार का अड्डा बताया गया है. साथ ही शराब घोटाला, भूमि घोटाला, खनन माफिया, वन माफिया, हिमाचल ऑन सेल, लोक निर्माण विभाग में भ्रष्टाचार, भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण देने के आरोप, बैंक घोटाला, देहरा राशन घोटाला, ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट घोटाला, क्रूज घोटाला, औद्योगिक क्षेत्र घोटाला, पर्यटन निगम में गड़बड़ी, आउटसोर्स घोटाला, कबाड़ घोटाला, टेंडर घोटाला और आपदा में घोटाले के आरोप लगाए गए हैं.
'झूठी गारंटियां, झूठी सरकार'
इसके साथ ही ज्ञापन में कहा गया है कि कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले जो गारंटियां की थी, उन्हें भी झूठा करार दिया गया है. इसे 'झूठी गारंटियां, झूठी सरकार' की संज्ञा दी गई है. भारतीय जनता पार्टी ने अपने ज्ञापन में कांग्रेस पर 24 महीने में 24 जन विरोधी निर्णय लेने के भी आरोप लगाए हैं.
इस ज्ञापन में भारतीय जनता पार्टी का आरोप है कि कांग्रेस जब से सत्ता में आई है, उसके बाद से राज्य को आर्थिक दृष्टि से कंगाल कर दिया गया है. कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश का नाम राष्ट्रीय स्तर पर खराब किया है. कांग्रेस ने देश में हिमाचल की फजीहत करवाई और साथ ही केंद्र सरकार की ओर से प्रायोजित प्रोजेक्ट में रोड़े अटकाने का काम किया. भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस सरकार को अराजक सरकार भी करार दिया है.
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