Himachal Pradesh Budget Session 2024-25: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के छठे दिन आउटसोर्स कर्मचारी के मुद्दे पर सदन तपता हुआ नजर आया. विपक्ष के सदस्य राकेश जम्वाल ने प्रदेश में कोरोना काल के दौरान सेवा देने वाले आउटसोर्स कर्मचारियों को लेकर सवाल किया था. राकेश जम्वाल ने सरकार से सवाल पूछा था कि प्रदेश में कोरोना काल के दौरान सरकार की ओर से कितने स्वास्थ्य कर्मियों को आउटसोर्स के आधार पर भर्ती किया गया है. उन्होंने पूछा कि क्या इन आउटसोर्स स्वास्थ्य कर्मचारियों को सरकार ने नौकरी से हटा दिया है? अगर हां, तो क्या सरकार इन्हें दोबारा रोजगार देने का विचार रखती है या नहीं?
तारांकित प्रश्न- 1371 के जवाब में हिमाचल प्रदेश सरकार ने बताया कि प्रदेश में कोरोना काल के दौरान सरकार ने 1 हजार 916 स्वास्थ्य कर्मियों को भर्ती किया गया था. इनमें स्वास्थ्य विभाग में 641 और चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग में 1 हजार 275 स्वास्थ्य कर्मियों को आउटसोर्स के आधार पर भर्ती किया गया था. इन आउटसोर्स कर्मियों की सेवाएं 30 सितंबर 2023 तक ली गई. साथ ही सरकार ने यह भी बताया कि इन स्वास्थ्य कर्मचारियों को दोबारा नौकरी पर रखने का सरकार विचार नहीं रखती है. राज्य सरकार के इस जवाब के बाद हजारों आउटसोर्स कर्मचारी के हाथ निराशा लगी है.
'कोरोना वॉरियर्स ने विकट परिस्थिति में किया काम'
हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से मिले इस जवाब के बाद अनुपूरक प्रश्न करते हुए राकेश जम्वाल ने कहा कि कोरोना काल के दौरान काम करने वाले इन आउटसोर्स कर्मचारी ने विकट परिस्थिति में काम किया. जब बेटा भी पिता के देह को छूने से इनकार कर देता था, उस वक्त इन कर्मचारियों ने पूरी निष्ठा के साथ काम किया. ऐसे में सरकार को उनकी सेवाएं बहाल करने पर विचार करना चाहिए. साथ ही राकेश जम्वाल ने अपने विधानसभा क्षेत्र के अस्पताल का एक साल से बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट को भी दोबारा शुरू करने की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि बीते बजट सत्र में भी उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से यह मांग उठाई थी, लेकिन अब अगला बजट सत्र आ गया और अब तक यह मांग पूरी नहीं हुई है.
नेता प्रतिपक्ष ने की सेवा बहाल करने की पैरवी
राकेश जम्वाल के बाद पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने भी कोरोना काल के दौरान काम करने वाले आउटसोर्स कर्मचारी की सेवा दोबारा शुरू करने की पैरवी की. विपक्ष के सदस्यों का कहना था कि कोरोना काल के दौरान ऐसी स्थिति नहीं थी कि पहले पॉलिसी बनाई जाती और फिर कर्मचारियों को भर्ती किया जाता. उन्होंने भी स्वास्थ्य विभाग के इन आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवा दोबारा बहाल करने की बात कही.
'जरूरत पड़ने पर करेंगे विचार'
इस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जब पूर्व सरकार ने आउटसोर्स कर्मचारी को भर्ती किया, तब उनके लिए कोई पॉलिसी नहीं बनाई गई थी. उनकी सेवा जारी रखने के लिए राज्य सरकार के पास कोई पॉलिसी नहीं है. हालांकि मुख्यमंत्री ने बाद में यह आश्वासन दिया की जरूरत पड़ने पर इन कर्मचारियों को दोबारा रखने पर विचार किया जाएगा. हालांकि सरकार की ओर से लिखित जवाब में यह स्पष्ट किया गया है कि सरकार इनकी सेवाओं को दोबारा बहाल का विचार नहीं रखती है.
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