Himachal Pradesh Bypoll 2024: हिमाचल प्रदेश के तीन विधानसभा क्षेत्र में 10 जुलाई को मतदान होना है. तीन सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव के नतीजे 13 जुलाई को आएंगे. भारतीय जनता पार्टी तीनों सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है. कांग्रेस ने भी सोमवार को दो सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए. नालागढ़ से हरदीप बावा और हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र में पुष्पिंदर वर्मा के नाम की घोषणा के बाद फिलहाल देहरा विधानसभा क्षेत्र में टिकट होल्ड पर रखा गया है.


इस सीट पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की धर्मपत्नी कमलेश ठाकुर के चुनाव लड़ने की चर्चा है. देहरा के साथ लगते जसवां परगपुर में मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी का मायका है और यहीं देहरा से उनके चुनाव लड़ने की चर्चा हो रही है. इससे पहले कमलेश ठाकुर के हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से भी चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर रही. 


आज तक यहां नहीं हुई कांग्रेस की जीत


देहरा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस आज तक जीत हासिल नहीं कर सकी है. इस सीट के अस्तित्व में आने के बाद यहां कांग्रेस की जीत की हसरत आज तक अधूरी है. साल 2012 में यहां बीजेपी के रविंद्र सिंह रवि ने कांग्रेस की विप्लव ठाकुर को चुनाव हराया था. इसके बाद साल 2017 में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर होशियार सिंह ने जीत हासिल की. होशियार सिंह ने यहां रविंद्र सिंह रवि को शिकस्त दी.


इसके बाद साल 2022 में भी वह बीजेपी के रमेश चंद को चुनाव हराकर निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीते. अब साल 2024 के उपचुनाव में हुए बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं और कांग्रेस के प्रत्याशी का इंतजार किया जा रहा है. साल 2022 में डॉ. राजेश शर्मा ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था. अब संभव है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की धर्मपत्नी कमलेश ठाकुर यहां से चुनाव लड़ें.


CM सुक्खू से भी पूछा गया था सवाल


बीते दिनों मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में पहुंचे थे. यहां मुख्यमंत्री से उनकी धर्मपत्नी के चुनाव लड़ने की चर्चाओं को लेकर सवाल पूछा गया था. इस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जवाब दिया था कि वे यह नहीं जानते कि इस तरह की अफवाहें कहां से जन्म लेती हैं. हालांकि, उस वक्त भी उन्होंने इस बात से इनकार नहीं किया कि उनकी धर्मपत्नी चुनाव नहीं लड़ेंगी. ऐसे में कमलेश ठाकुर के चुनाव लड़ने पर खूब चर्चा हो रही है. वह साल 2022 में सरकार बनने के साथ ही मुख्यमंत्री के साथ कई कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से नजर भी आती हैं.


हिमाचल में पहली बार बनेगा अलग तरह का रिकॉर्ड


गौर हो कि आज तक हिमाचल प्रदेश विधानसभा के इतिहास में कभी किसी मुख्यमंत्री, मंत्री या सिटिंग विधायक की धर्मपत्नी एक ही विधानसभा के लिए चुनाव नहीं लड़े. हालांकि, इससे पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की धर्मपत्नी लोकसभा का चुनाव लड़ती थीं, लेकिन, तब वीरभद्र सिंह लोकसभा के नहीं विधानसभा के सदस्य हुआ करते थे.