Himachal Cabinet Expansion: हिमाचल प्रदेश की नवगठित विधानसभा में कुल नौ मंत्रियों में से सात (78 Percent) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. यह जानकारी उनके ही शपथ पत्र से सामने आयी है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (Adr Report) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. इतना ही नहीं, चार (44 Percent) मंत्रियों ने तो अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की भी जानकारी दी है.
हिमाचल प्रदेश इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सहित सभी नौ मंत्रियों के स्व-शपथ पत्रों का विश्लेषण किया है. यह जानकारी 2022 हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत हलफनामों पर आधारित है.
सबसे गरीब मंत्री भी हैं 3.38 करोड़ के मालिक
वित्तीय पृष्ठभूमि के एडीआर विश्लेषण से पता चला है कि सभी मंत्री करोड़पति हैं. सभी नौ मंत्रियों की औसत संपत्ति 17.88 करोड़ रुपये है. सबसे अमीर मंत्री शिमला ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से विक्रमादित्य सिंह हैं, जिनकी संपत्ति 101.39 करोड़ रुपए है. हालांकि, वे वहां के राजपरिवार के सदस्य भी हैं. शपथ पत्र के अनुसार, सबसे गरीब मंत्री किन्नौर (एसटी) निर्वाचन क्षेत्र से जगत सिंह नेगी हैं. हालांकि, वे भी 3.38 करोड़ रुपए की संपत्ति के मालिक हैं. इसके अलावा सभी नौ मंत्रियों ने अपनी देनदारियों की घोषणा भी की है, जिनमें से सबसे अधिक देनदारी वाले मंत्री कुसुम्प्टी निर्वाचन क्षेत्र के अनिरुद्ध सिंह हैं, जिनकी 6.77 करोड़ रुपए की देनदारी है.
सभी नौ मंत्रियों ने स्नातक या उससे ऊपर की शैक्षिक योग्यता होने की घोषणा की है. तीन (33 फीसदी) मंत्रियों ने अपनी उम्र 31 से 50 साल के बीच बताई है, जबकि पांच (56 फीसदी) मंत्रियों ने अपनी उम्र 51 से 80 साल के बीच बताई है और एक मंत्री ने अपनी उम्र 82 साल बताई है. एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश की कैबिनेट में कोई महिला मंत्री शामिल नहीं है.