Himachal pradesh News: हिमाचल प्रदेश की राजनीति में अपना नाम बनाने वाले अधिकतर राजनेताओं ने बतौर छात्र नेता ही अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की. प्रदेश की राजनीति में अपना नाम चमकाने वाले इन नेताओं के स्कूल-कॉलेज के किस्से भी बेहद अतरंगी हैं. ऐसा ही एक किस्सा हिमाचल प्रदेश सरकार में संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान का भी है.


शिमला के मशहूर संजौली कॉलेज में पढ़ाई के दौरान हर्षवर्धन चौहान ने एक बार गलती से अपनी टीचर को कागज मार दिया था. हालांकि, हर्ष चौहान क्लास में पीछे बैठकर अपने आगे बैठे एक साथी को कागज मार रहे थे, लेकिन कागज कंधे से उछलकर टीचर को लग गया. इसके बाद टीचर नाराज हो गईं और क्लास छोड़ कर बाहर चली गईं. इसके बाद टीचर कई दिनों तक क्लास में नहीं आईं. कुछ दिनों बाद जब टीचर ने क्लास में आना शुरू किया, तो हर्षवर्धन चौहान के क्लास में आते ही टीचर अपना रजिस्टर उठाकर क्लास से फिर बाहर चली जाती. इस पर हर्ष चौहान बेहद परेशान हुए. कई दिनों तक जब ऐसा ही सिलसिला जारी रहा, तो उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई छोड़कर कॉलेज में आर्ट्स की पढ़ाई शुरू कर दी.


'सुक्खू भाई' का गुरुमंत्र आया काम
आर्ट्स की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में लॉ की पढ़ाई की. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू उनके सीनियर थे. दोनों ही नेताओं की क्लास में सपली आया करती थी. एक दफा जब हर्षवर्धन चौहान अपनी सपली का पेपर दे रहे थे, तो उस समय उन्हें 10 में से केवल दो ही सवालों के जवाब आते थे. ऐसे में 'सुक्खू भाई' का गुरु मंत्र हर्षवर्धन चौहान के काम आया. हर्षवर्धन चौहान ने दो सवालों का जवाब लिखने के बाद पूरे पेपर में कहानी लिख डाली. जब रिजल्ट आई तो उनके पेपर में 58 नंबर आए. दरअसल, सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उन्हें बताया था कि एक दफा उन्हें भी पेपर में कुछ नहीं आता था, तो उन्होंने पूरे पेपर में इधर-उधर की बातें लिखी. इन बातों को वे खुद भी समझ नहीं पा रहे थे, लेकिन बावजूद इसके वह पेपर में पास हो गए.


देशभर में विपरीत परिस्थितियों के बीच मिली जीत
हिमाचल प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री ने यह अतरंगी किस्से संजौली कॉलेज के वार्षिक पारितोषिक समारोह में साझा किए. इस कार्यक्रम में वो बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल हुए थे. हर्षवर्धन चौहान ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि छात्र जीवन से राजनीति की शुरुआत करने के वक्त उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश के मुख्यमंत्री बनेंगे और उन्हें भी कैबिनेट में जगह मिलेगी. उन्होंने कहा कि जीवन संघर्ष भरा रहा और देशभर में कांग्रेस के लिए विपरीत परिस्थितियों के बावजूद हिमाचल प्रदेश की जनता ने उन्हें सेवा का मौका दिया.




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