Himachal Disaster: सीएम सुक्खू की केंद्र सरकार से मांग, केंद्रीय मैन्युअल में बदलाव के साथ विशेष राहत पैकेज दे मोदी सरकार
हिमाचल के CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र से राहत मैन्युअल में मुलाकात बदलाव करने के साथ विशेष राहत पैकेज की मांग की है. सीएम ने कहा कि मौजूद रहता मैन्युअल में सड़क दुरुस्त कर पाना संभव नहीं है.
Himachal Floods: हिमाचल प्रदेश इन दिनों भारी आपदा से जूझ रहा है. बकौल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) हिमाचल प्रदेश का नुकसान 10 हजार करोड़ के पार पहुंच चुका है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला पहुंचे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (JP Nadda) से मुलाकात की.
नड्डा हिमाचल में आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा करने के लिए पहुंचे थे. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि 10 अगस्त तक सरकार ने 6 हजार 700 करोड़ रुपए के नुकसान के बारे में केंद्र को जानकारी दी थी. इसके बाद 13 अगस्त को एक बार दोबारा तबाही हुई और अब उन्हें 10 हजार करोड़ के नुकसान से ज्यादा का अनुमान है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार केंद्रीय मैन्युअल यहां काम दुरुस्त करने के लिए नाकाफी है.
नड्डा ने CM सुक्खू को दिया आश्वासन
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि मौजूदा वक्त में आंशिक रूप से घर को नुकसान होने पर पांच हजार रूपए, पूरी तरह से मकान क्षतिग्रस्त होने पर 1 लाख 30 हजार रुपए मिलते हैं. वहीं, बात अगर सड़क की करें, तो एक किलोमीटर सड़क के लिए 1 लाख 25 हजार की राशि मिलती है. इतनी राशि में पहाड़ में निर्माण करना संभव नहीं है. उन्होंने सरकार से मांग उठाई है कि पहाड़ी राज्यों के लिए मैन्युअल में बदलाव किया जाए. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इससे पहले केंद्र सरकार केदारनाथ, गुजरात के भुज और महाराष्ट्र के लिए विशेष पैकेज दिया है. ऐसा ही पैकेज हिमाचल प्रदेश को भी दिया जाए, ताकि प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश को वापस पटरी पर ला सके. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने उन्हें हर मांग पूरी करने का आश्वासन दिया है.
भारी बारिश ने बरपाया कहर
जुलाई-अगस्त महीने में हिमाचल प्रदेश में हुई भारी बारिश ने प्रदेश भर में जमकर कहर मचाया है. हिमाचल प्रदेश में सरकारी संपत्ति के साथ निजी संपत्ति को भी भारी नुकसान हुआ है. पहले से ही कर्ज के बोझ तले दबे हिमाचल प्रदेश पर आपदा का अतिरिक्त बोझ पढ़ने की वजह से प्रदेश का नुकसान और भी ज्यादा हो गया है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश सरकार की मांग है कि केंद्र सरकार यहां हुई आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे, ताकि इसे हिमाचल प्रदेश को कुछ हद तक रिलीफ मिल सके.