Himachal Pradesh Loan: हिमाचल प्रदेश पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ रहा है. मामला राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोर रहा है. कर्ज के मुद्दे पर पक्ष और विपक्ष में भी जमकर वार-पलटवार हो रहा है. विपक्ष में बैठी बीजेपी कर्ज के बहाने कांग्रेस की सुक्खू सरकार पर निशाना साध रही है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू राज्य की आर्थिक बदहाली के लिए पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार को दोषी करार देने में लगे हैं. हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान कर्ज का आधिकारिक आंकड़ा सामने आया है. सरकार ने अतारांकित प्रश्न के उत्तर में सदन को जवाब दिया. 


सुक्खू सरकार ने जीपीएफ के अगेंस्ट पहली जनवरी 2023 से 31 जुलाई 2024 तक 2 हजार 810 करोड़ का लोन लिया है. विपक्षी सदस्य सुधीर शर्मा की ओर से पूछे गए अतारांकित सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि हिमाचल सरकार ने 15 दिसंबर, 2022 से लेकर 31 जुलाई, 2024 तक कुल 21 हजार 366 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है. इस दौरान सरकार ने 5 हजार 864 करोड़ रुपये कर्ज की वापसी भी की है. सदन को बताया गया कि कुल शुद्ध कर्ज का आंकड़ा 15 हजार 502 करोड़ रुपये बनता है. इस अवधि में कुल 21 हजार 366 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया.


लोन पर क्या कहते हैं सरकार के आंकड़े?


वित्त वर्ष 2022-2023 में आखिरी तिमाही यानी 15 दिसंबर 2022 से लेकर 31 मार्च 2023 तक सुक्खू सरकार ने 6 हजार 897 करोड़ का कर्ज लिया. इस अवधि में 1 हजार 097 करोड़ रुपये कर्ज वापस भी किये गये. वित्त वर्ष 2023-24 में पहली अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक कुल 10 हजार 521 करोड़ रुपये का सरकार ने लोन लिया. इस दौरान 3 हजार 481 रुपये का लोन वापस भी किया गया. वित्त वर्ष 2024-25 में पहली अप्रैल 2024 से लेकर 31 जुलाई 2024 तक 3 हजार 948 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया और 1 हजार 286 करोड़ रुपये के कर्ज की वापस भी हुई. 


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