हिमाचल के संपन्न परिवारों से सब्सिडी छोड़ने की अपील, क्या है वजह CM सुक्खू ने बताई पूरी बात
Sukhvinder Singh Sukhu News: मुख्यमंत्री ने संपन्न परिवारों से सब्सिडी छोड़ने की पहल करने को कहा है. सीएम ने कहा कि बड़े-बड़े होटल मालिकों को भी आगे आकर सब्सिडी छोड़ने की पहल करनी चाहिए.
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आम जनता से एक बड़ी अपील की है. उन्होंने राज्य के साधन संपन्न परिवारों को सब्सिडी छोड़ने का आग्रह किया है. ऐसा ही आग्रह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साधन संपन्न परिवारों से गैस सब्सिडी छोड़ने के लिए भी किया था.
इसका देशभर में व्यापक असर नजर आया था. अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की इस अपील का भी सकारात्मक परिणाम मिलने के की संभावना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े-बड़े होटल मालिकों को भी आगे आकर सब्सिडी छोड़ने की पहल करनी चाहिए. हालांकि बीजेपी पूर्व में शुरू की गई योजनाओं में बदलाव को जन विरोधी बताकर विरोध कर चुकी है.
सब्सिडी छोड़ने की पहल करें साधन संपन्न परिवार- CM सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व में तत्कालीन बीजेपी सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए साधन संपन्न लोगों के बिजली के बिल माफ कर दिए थे, जबकि मौजूदा सरकार गरीब परिवारों को सब्सिडी का लाभ दे रही है. उन्होंने संपन्न परिवारों से सरकार की सब्सिडी छोड़ने का आह्वान किया, ताकि राज्य आत्मनिर्भर बनकर विकास के पथ पर आगे बढ़ सके. उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े होटल भी बिजली और पानी की सब्सिडी छोड़ने की पहल करें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पानी की गुणवत्ता में सुधारने के लिए काम कर रही है, इसलिए 50 हजार से कम सालाना आय वाले परिवारों को ही पानी के बिल पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी. हालांकि यहां ध्यान देने योग्य बात यह भी है कि क्या राज्य में ऐसे भी परिवार हैं, जिनकी सालाना आय 50 हजार रुपये से कम होगी. हिमाचल बीजेपी अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल भी सरकार के इस मापदंड पर सवाल खड़े कर चुके हैं.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करने का दावा
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार भैंस के दूध को 55 रुपये प्रति लीटर और गाय के दूध 45 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीद रही है. कांगड़ा जिला के ढगवार में 250 करोड़ की लागत से मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किया जा रहा है.
मनरेगा की दिहाड़ी 60 रुपये की बढ़ोतरी कर 300 रुपये कर दी गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के प्रयास कर रही है और गांव में सुविधाएं बढ़ा रही है. प्राकृतिक खेती से पैदा होने वाले गेहूं को 40 रुपये और मक्की को 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर खरीदा जाएगा. इसकी सर्टिफिकेशन भी की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खेती से तैयार उत्पादों और दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य बना है.
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