Himachal News: हिमाचल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुए आठ महीने का वक्त बीत चुका है. लेकिन प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) के नेतृत्व वाली सरकार की परेशानी थमने का नाम ही नहीं ले रही है. प्रदेश में एक ओर आपदा से हो रहे नुकसान की चिंता है. वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस की अंदरूनी कलह भी मुख्यमंत्री की चिंता बढ़ा रही है. कांग्रेस नेताओं का खुले मंच से अपनी सरकार की कार्यप्रणाली के खिलाफ मोर्चा खोलना, मुख्यमंत्री की परेशानी बढ़ा रहा है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह की परेशानी अब और भी ज्यादा बढ़ चुकी है. क्योंकि इस अंदरूनी कलह की चिंगारी आलाकमान तक भी जा पहुंची है.


मंत्री पद पर दावेदारी ठोक रहे विधायक


मौजूदा वक्त में हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल में तीन पद खाली पड़े हुए हैं. संभावित मंत्री लगातार इस पद पर लॉबिंग कर रहे हैं और अपनी एडजेस्टमेंट के इंतजार में हैं. जानकारों का मानना है कि मौजूदा वक्त में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मंत्रिमंडल में भारी क्षेत्रीय असंतुलन है. यही वजह है कि भाजपा आए दिन ऑपरेशन लोटस की चर्चाओं को हवा दे रही है. हाल ही में विधायक राजिंदर राणा ने सोशल पर गीता ज्ञान देते हुए शब्दों का खेल कर मंत्री पद पर दावेदारी पेश की. उनकी इसी पोस्ट पर पूर्व मंत्री और विधायक सुधीर शर्मा ने भी 'वक्त है बलवान' का ज्ञान देकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी.


कृषि मंत्री के बेटे ने ही दे डाली सलाह


दोनों ही नेताओं की सोशल मीडिया पर टिप्पणी के बाद सरकार में वरिष्ठ मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने इसे अनुशासनहीनता करार दिया. साथ ही यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर इस तरह की टिप्पणी करने से मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलती. मंत्री पद हासिल करने के लिए इंतजार करना पड़ता है. बात यहां भी थम जाती तो ठीक था, लेकिन फिर चौधरी चंद्र कुमार के बेटे और पूर्व मुख्य संसदीय सचिव नीरज भारती ने ही अपने पिता को अन्य विधायकों को ज्ञान न देते हुए अपने इलाके में ध्यान देने की हिदायत दे डाली.


कृषि मंत्री ने की संज्ञान लेने की मांग


जानकारी के मुताबिक, पूर्व विधायक नीरज भारती अपने कार्यकर्ताओं को तरजीह न मिलने से परेशान हैं. इसके अलावा वह अपने पिता कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार पर अपने ही जिला के एक विधायक के अत्यधिक प्रभाव से भी नाराज चल रहे हैं. इससे पहले सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने वाले दोनों विधायकों की ओर से सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणी को लेकर कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने आलाकमान से हस्तक्षेप करने की मांग की थी. चौधरी चंद्र कुमार ने कहा कि यह अनुशासनहीनता है और इस पर आलाकमान को संज्ञान लेना चाहिए.


'नेताओं को बयानबाजी से बचना चाहिए'


हिमाचल प्रदेश में लगातार तेज हो रही सरगर्मी अब आलाकमान तक भी पहुंच चुकी है. आलाकमान भी पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में लगातार मीडिया में हो रही बयानबाजी से परेशान है. जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस नेताओं को शांत करवाकर मीडिया में बयानबाजी से बचने के लिए कहा गया है. साल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए एक साल से भी काम का वक्त रह गया है. ऐसे में पार्टी कोई भी रिस्क नहीं लेना चाह रही है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि फिलहाल सरकार का पूरा ध्यान आपदा प्रभावितों को राहत पहुंचाने में है. अभी मंत्रिमंडल विस्तार पर कोई चर्चा नहीं है. हालांकि इससे पहले भी मुख्यमंत्री कहते रहे हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार तो कभी भी हो सकता है. इसमें कोई बड़ी बात नहीं है. कुल-मिलाकर कांग्रेस में इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं है और आलाकमान ने इस अस्त-व्यस्त व्यवस्था को ठीक करने की सख्त हिदायत भी दे दी है.