Himachal Politics: सुप्रीम कोर्ट पहुंचे कांग्रेस के अयोग्य घोषित विधायक, राहत न मिली तो क्या होगा अगला कदम?
Himachal Congress Rebel MLAs: हिमाचल में क्रॉस वोटिंग की वजह से अयोग्य घोषित किए गए कांग्रेस विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. संभावना है कि मामले पर 6 मार्च को सुनवाई हो सकती है.
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश विधानसभा से अयोग्य करार हो चुके 6 कांग्रेस विधायक राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. कांग्रेस के बागी सुधीर शर्मा, राजिंदर राणा, इंद्र दत्त लखनपाल, रवि ठाकुर, देवेंद्र भुट्टो और चैतन्य शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस याचिका में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें उन्होंने इन सभी 6 कांग्रेस विधायकों को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया है. विधानसभा स्पीकर ने यह फैसला बतौर ट्रिब्यूनल चेयरमैन सुनाया है.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित हो चुके विधायक इंद्र दत्त लखनपाल ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत मिलेगी. फिलहाल सभी विधायक मामले को सुप्रीम कोर्ट में लिस्ट होने का इंतजार कर रहे हैं. संभवत इस मामले में 6 मार्च को सुनवाई हो सकती है. बागी नेता सुधीर शर्मा ने कहा कि वह सच की आवाज बुलंद करने के लिए तैयारी से लड़ रहे हैं.
कांग्रेस विधायक दल के चीफ व्हिप ने दी थी शिकायत
दल बदल कानून के तहत सदस्यता गंवाने वाले इन विधायकों ने खुद को अयोग्य करार दिए जाने वाले फैसले को चुनौती दी है. हिमाचल प्रदेश सरकार में संसदीय कार्य मंत्री और कांग्रेस विधायक दल के चीफ व्हिप हर्षवर्धन चौहान ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष को एक शिकायत सौंपी थी. इस शिकायत में इन सभी 6 विधायकों के व्हिप जारी होने के बावजूद कटौती प्रस्ताव और बजट पारण के दौरान अनुपस्थित रहने की बात कही गई. इन विधायकों ने विधानसभा के अटेंडेंस रजिस्टर में अपनी हाजिरी तो लगाई, लेकिन यह सदन में उस वक्त मौजूद नहीं रहे. इसी पर फैसला सुनाते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने इन्हें अयोग्य करार दिया है.
राहत न मिली, तो क्या होगा?
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सदस्य से अयोग्य घोषित हो चुके इन विधायकों का मत है कि स्पीकर ने इन्हें अपना पक्ष रखने का समय नहीं दिया. इसके अलावा नोटिस भी सिर्फ एक ही विधायक को मिला. अन्य विधायकों को नोटिस भी नहीं दिया गया. विधायकों के वकील ने यह भी कहा कि स्पीकर ने इस तरह फैसला लिया कि मानो पिटीशन में लिखी गई हर बात सत्य हो. अब सुप्रीम कोर्ट से इन विधायकों को राहत की उम्मीद है अगर यहां राहत नहीं मिलती है, तो इन सभी 6 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होंगे. उम्मीद है कि ये चुनाव देश में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ ही हो जाएंगे.
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