Himachal Pradesh News: नगर निगम शिमला 2023 ( Shimla Municipal Corporation)  के चुनाव में कांग्रेस (Congress) ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है. कुल 34 में से 24 सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी जीत कर आए हैं. खास बात यह है कि कुल 24 में से 14 प्रत्याशी महिला हैं. ऐसे में नगर निगम शिमला के लिए मेयर-डिप्टी मेयर का चयन भी कांग्रेस पार्टी के लिए किसी सिर दर्दी से कम नहीं है. चुनाव परिणाम के बाद दिन गुजरने के साथ मेयर-डिप्टी मेयर के दावेदारों की संख्या भी लगातार बढ़ती ही चली गई.


15 मई को नाम चलेंगे पता
नगर निगम शिमला के मेयर-डिप्टी मेयर चुनने के लिए कांग्रेस 14 मई को एक महत्वपूर्ण बैठक करने जा रही है. इस बैठक में ही पार्टी आलाकमान मेयर और डिप्टी मेयर के लिए नाम फाइनल करेगी. इस बाबत बुधवार को दिल्ली में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह की हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला से भी बातचीत हो चुकी है. नगर निगम शिमला चुनाव में कांग्रेस को मिली प्रचंड जीत के बाद अब सामंजस्य और क्षेत्रीय संतुलन स्थापित करना कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती रहने वाली है. 14 मई को बैठक के बाद 15 मई के दिन कांग्रेस अपने मेयर-डिप्टी मेयर के चेहरों का खुलासा कर देगी. हालांकि, नियमों के मुताबिक पार्षद ही अपना नेता चुनते हैं, लेकिन अमूमन यह सब आलाकमान की मंजूरी के बाद ही होता आया है.


समीकरण साधना बन रही बड़ी चुनौती
मेयर-डिप्टी मेयर बनने के लिए कांग्रेस के कई बड़े चेहरे दौड़ में शामिल हैं. चुनाव में भारतीय जनता पार्टी अपने मेयर-डिप्टी मेयर का चेहरा आगे नहीं करेगी. क्योंकि बीजेपी के सिर्फ 9 ही पार्षद जीतकर नगर निगम के सदन में पहुंच सके हैं. कांग्रेस में मेयर पद के लिए सुरेंद्र चौहान, सिमी नंदा, सुषमा कुठियाला और उमा कौशल के नाम आगे चल रहे हैं. इसके अलावा नरेंद्र ठाकुर और कांता सुयाल भी इस दौड़ में शामिल हैं. हालांकि इनमें सुरेंद्र चौहान का नाम सबसे आगे है. इसके पीछे उनकी वरिष्ठता और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ उनकी नजदीकी है.


महिलाओं को भी देना होगा अधिकार
नगर निगम शिमला की परिधि में तीन विधानसभा क्षेत्रों में आते हैं. इनमें शिमला शहरी, शिमला ग्रामीण और कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र शामिल है. शिमला शहर में कांग्रेस 13, शिमला ग्रामीण में सभी 4 और कसुम्पटी में 7 सीटें जीतकर आई है. ऐसे में अगर मेयर शिमला शहरी से दिया जाता है, तो डिप्टी मेयर कसुम्पटी या शिमला ग्रामीण से देना होगा. साथ ही महिला पार्षद लगातार मुखर होकर अपनी दावेदारी जता रही हैं. ऐसे में कांग्रेस के सामने क्षेत्रीय समीकरण साधना भी चुनौती रहने वाला है.



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