Himachal Congress Meeting: साल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए हिमाचल कांग्रेस ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं. शुक्रवार को हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला (Rajeev Shukla) ने कांग्रेस के सभी जिला अध्यक्षों के साथ बैठक की. वर्चुअल रूप से हुई इस बैठक में हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और हिमाचल कांग्रेस के सह प्रभारी तजिंदर पाल बिट्टू (Tajinder Pal Bittu) भी मौजूद रहे.


'20 जुलाई तक बूथ कमेटी का करें गठन'


इस बैठक में पार्टी की बैठकों और कार्यक्रमों से नदारद रहने वाले पदाधिकारियों की जगह सक्रिय नेताओं को आगे लाने की बात कही गई. पार्टी जल्द ही और सक्रिय पदाधिकारियों को भार मुक्त करने जा रही है. इससे पहले हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह (Pratibha Singh) की बैठक में भी सक्रियता के साथ काम न कर रहे पदाधिकारियों को बाहर करने की बात कही गई थी. हिमाचल कांग्रेस (HPCC) प्रभारी राजीव शुक्ला ने कहा है कि पार्टी नेताओं को आगे लेकर आएगी. शुक्ला ने कांग्रेस जिला अध्यक्षों से 20 जुलाई तक सभी बूथ कमेटियों का गठन करने के लिए भी कहा है. जिला अध्यक्षों को इसकी सूची कांग्रेस आलाकमान को भेजनी होगी.


भाजपा ने रिकॉर्ड वोटों से हासिल की थी जीत


साल 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए एक साल से भी कम का वक्त रह गया है. हिमाचल कांग्रेस ने बीते दो सालों में बेहतरीन प्रदर्शन किया. साल 2021 में उपचुनाव, साल 2022 में विधानसभा चुनाव और साल 2023 में हुए नगर निगम शिमला के चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की. कांग्रेस की कोशिश है कि जीत की हैट्रिक को आगे बढ़ाया जाए और साल 2024 के लोकसभा चुनाव में भी जीत हासिल की जाए. हालांकि कांग्रेस के लिए साल 2024 के लोकसभा की यह जीत इतनी भी आसान नहीं रहने वाली है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में हिमाचल भाजपा ने इतिहास रचते हुए सभी 68 विधानसभाओं में लीड हासिल की थी. ऐसे में कांग्रेस के सामने लीड को खत्म करने की भी चुनौती रहने वाली है.


कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करना भी चुनौती


चूंकि कांग्रेस हिमाचल प्रदेश की सत्ता पर है. ऐसे में पार्टी को अपने पदाधिकारियों के साथ कार्यकर्ताओं की नाराजगी को दूर करने की भी चुनौती रहने वाली है. अमूमन सत्ता सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ता पार्टी से नाराज रहते हैं. ऐसे में पार्टी इस नीति पर भी काम कर रही है कि सभी कार्यकर्ताओं और अपने कार्य को एकजुट रखा जाए, ताकि लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की जा सके. साल 2024 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय मुद्दों के साथ पार्टी क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चुनाव लड़ने की फिराक में है, ताकि विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव में भी इसका फायदा लिया जा सके.