Himachal Politics: कांग्रेस के बागी राजिंदर राणा का हिमाचल कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा
Himachal Congress News: बागी तेवर अपनाने वाले राजिंदर राणा ने हिमाचल कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. राजिंदर राणा का इस्तीफा कांग्रेस के लिए एक सियासी झटका माना जा रहा है.
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Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के सुजानपुर से कांग्रेस विधायक राजिंदर राणा अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेजे अपने इस्तीफे में राजिंदर राणा ने कहा, "मैं हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष के पद से तत्काल इस्तीफा देता हूं." विधायक राजिंदर राणा 13वीं विधानसभा में कांग्रेस के टिकट पर सुजानपुर विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए थे.
दरअसल, हिमाचल प्रदेश राज्यसभा चुनाव के बाद प्रदेश में सियासी उथल पुथल मची है. विधानसभा में पूर्ण बहुमत के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी को हार का सामना करना पड़ा था. कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रास वोटिंग कर बीजेपी प्रत्याशी को वोट किया था. कांग्रेस के जिन विधायकों ने क्रास वोटिंग किया था, उनमें राजिंदर राणा भी शामिल थे. उन्होंने कांग्रेस से बगावत को लेकर सोशल मीडिया प्लेट फार्म एक्स (पहले ट्विटर) पर पोस्ट किया था.
'वादाखिलाफी...पूरी किताब लिखनी पड़ेगी'
राजिंदर राणा ने कांग्रेस आलाकमान पर तंज कसते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि उनकी प्रतिबद्धता, निष्ठा समर्पण, विश्वास और जिम्मेदारी जनता से है, न कि सत्ता के शिखर पर बैठे किसी बौने शहंशाह से. उन्होंने आगे लिखा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान हमने एक कांग्रेस कार्यकर्ता के तौर पर जनता से जो वादा किया था, वह आप सबको याद होग. आपने हमारे वादे पर यकीन किया और हमें अपना कीमती वोट देकर वादे को हकीकत में बदलने का मौका दिया. लेकिन इन वादों की हकीकत ये है कि आज मैं वादाखिलाफी पर लिखने बैठूं तो एक पूरी किताब लिखनी पड़ेगी.
सोशल मीडिया पोस्ट शुरू हो गई थी अटकलें
साल 2017 में राजिंदर राणा तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को चुनाव में हरा दिया. इससे पहले राजिंदर राणा ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मेरे पास दो विकल्प बचे थे. जिसमें से पहला यह कि मैं सुक्खू सरकार की कैबिनेट में शामिल होकर सत्ता का आनंद लूं और दिल्ली के कांग्रेस दरबारियों में अपना नाम लिखाकर सुख चैन की बंसी बजाऊं.
राणा ने कहा कि दूसरा विकल्प ये है कि जिस पर मैं चल रहा हूं, हिमाचल और हिमचलियत को बचाने के लिए सनातन की संस्कृति को अक्षुण्ण रखने के लिए बगावत करूं. राजिंदर राणा का इस पोस्ट के बाद सियासी गलियारों में उनके इस्तीफे की अटकलें लगनी शुरू हो गई थीं.
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