शिमला: दक्षिण भारत के कन्याकुमारी से 7 सितंबर को शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा में हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और हिमाचल कांग्रेस महासचिव विक्रमादित्य सिंह भी शामिल होंगे. इन दिनों प्रतिभा सिंह और विक्रमादित्य सिंह दिल्ली दौरे पर हैं. दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे और महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद दोनों नेता इंदौर जाएंगे. वहां वे भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होंगे.


अब तक चुनाव में व्यस्त थे


हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की मतदान प्रक्रिया 12 नवंबर को पूरी हुई है. चुनाव में व्यस्तता की वजह से प्रतिभा सिंह और विक्रमादित्य सिंह अब तक भारत जोड़ो यात्रा में शामिल नहीं हो सके हैं. अब क्योंकि प्रदेश में चुनाव खत्म हो चुके हैं. ऐसे में दोनों नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में हो रही भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने जा रहे हैं. इन दोनों नेताओं का यात्रा में शामिल होना न केवल सांकेतिक होगा बल्कि इस दौरान हिमाचल कांग्रेस की विधानसभा चुनाव में स्थिति को लेकर भी रिपोर्ट दी जाएगी. आने वाले दिनों में हिमाचल कांग्रेस के कई अन्य वरिष्ठ नेता भी भारत जोड़ो यात्रा में नजर आ सकते हैं.


राहुल ने नहीं किया हिमाचल में चुनाव प्रचार


अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचार करने नहीं पहुंचे. हालांकि उनका नाम पार्टी की ओर से स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया गया था, लेकिन इसके बावजूद राहुल गांधी प्रचार करने नहीं पहुंचे. राहुल गांधी के हिमाचल प्रदेश प्रचार में न आने की वजह उनकी भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्तता ही बताई गई. पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी भी अपने खराब स्वास्थ्य के चलते प्रचार में शामिल नहीं हुईं. हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचार का जिम्मा महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ही संभाले रहीं.


भारत जोड़ो यात्रा पहले 20 नवंबर को मध्य प्रदेश में दाखिल होने वाली थी, लेकिन राहुल गांधी के चुनाव प्रचार करने गुजरात जाने की वजह से इसमें थोड़ा बदवाल किया गया है. अब भारत जोडो यात्रा 23 नवंबर को महाराष्ट्र के बुढलाना से मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में दाखिल होगी. भारत जोड़ो यात्रा 27 नवंबर को इंदौर पहुंचेगी. वहां प्रतिभा सिंह और विक्रमादित्य सिंह शामिल होंगे.


ये भी पढ़ें


HP Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश में बीजेपी का मिशन रिपीट पर मंथन, मतदान के बाद कहां खड़ी है पार्टी?