Himachal Politics: कांग्रेस ने PM से लगाई मदद की गुहार, कहा- 'मोदी जी से हाथ जोड़कर प्रार्थना है अपने दूसरे घर की मदद करें'
Shimla: कांग्रेस ने कहा कि सुक्खु सरकार ने पूरा मोर्चा संभाला हुआ है, आपदा में भी नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर गलत बयानबाजी कर रहे हैं. बीजेपी नेताओं को साथ चलकर केंद्र सरकार से मदद मांगनी चाहिए.
Himachal Flood: पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में बीते दिनों हुई बारिश की वजह से भारी तबाही मची है. पहले से ही कर्ज के बोझ के तले दबे हिमाचल में आपदा ने अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाल दिया है. इस बीच हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान (Naresh Chauhan) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मदद की गुहार लगाई है.
नरेश चौहान ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल प्रदेश को अपना दूसरा घर बताते हैं. वे बीजेपी प्रभारी के तौर पर हिमाचल का पूरा दौरा कर चुके हैं. ऐसे में जब वे लगातार हिमाचल प्रदेश से जुड़ाव की बात करते हैं, तो उन्हें आपदा के इस वक्त में अपने दूसरे घर की मदद करनी चाहिए. नरेश चौहान ने कहा कि, वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाथ जोड़कर हिमाचल प्रदेश के लिए मदद मांग रहे हैं.
'बीजेपी की प्राथमिकता केवल राजनीति'
नरेश चौहान ने कहा कि, मुख्यमंत्री ग्राउंड जीरो पर उतरकर कम कर रहे हैं. ऐसे में प्रभावित लोगों के बीच भी विश्वास पैदा होता है. मुख्यमंत्री प्रभावितों के बीच जाते हैं, तो लोगों की हिम्मत बढ़ती है. नरेश चौहान ने कहा कि सरकार ने पूरा मोर्चा संभाला हुआ है. आपदा में भी नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर गलत बयानबाजी कर रहे हैं. बीजेपी नेताओं को साथ चलकर केंद्र सरकार से मदद मांगनी चाहिए. नरेश चौहान ने कहा कि अगर छह महीने बाद यह मदद मिलेगी, तो इसका कोई फायदा नहीं होगा. नरेश चौहान ने कहा कि बीजेपी की प्राथमिकता भले ही साल 2024 का लोकसभा चुनाव हो सकता है, लेकिन कांग्रेस की प्राथमिकता प्रभावित लोगों तक राहत पहुंचाना है.
हिमाचल को 7659.93 करोड़ रुपये का नुकशान
बता दें कि हिमाचल प्रदेश को 24 जून से लेकर अब तक 7659.93 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि, राज्य में नुकसान 10 हजार करोड़ रुपये के पार जाने की आशंका है. प्रदेश में 1 हजार 957 घर पूरी तरह तबाह हो चुके हैं, जबकि 9 हजार 344 घरों को आंशिक तौर पर नुकसान हुआ है. इसके अलावा 293 दुकानें और 4 हजार 72 पशु घर भी तबाह हो गए हैं. प्रदेश भर में डेढ़ महीने के छोटे से अंतराल में ही 113 भूस्खलन और 58 फ्लैश फ्लड की घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं. प्रदेश में अब तक 330 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि 38 लोग अलग-अलग दुर्घटनाओं में लापता हैं. प्रदेश भर में घायलों का आंकड़ा भी 322 तक जा पहुंचा है.