Himachal Pradesh Politics: हिमाचल कांग्रेस में अब संजय अवस्थी और चंद्रशेखर कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर सेवाएं देंगे. संजय अवस्थी जिला सोलन के तहत आने वाली अर्की विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. वह स्वास्थ्य विभाग के मुख्य संसदीय सचिव भी हैं. संजय अवस्थी की गिनती मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के सबसे करीबी नेताओं में होती है. 


इसके साथ ही जिला मंडी के तहत आने वाले धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक चंद्रशेखर को भी कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है. जिला मंडी से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीतने वाले चंद्रशेखर एकमात्र विधायक हैं. जिला मंडी की अन्य नौ सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के विधायकों का कब्जा है.


तीन कार्यकारी अध्यक्ष कांग्रेस छोड़ बीजेपी में गए


साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अध्यक्ष के साथ चार कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति की थी. इनमें हर्ष महाजन, राजिंदर राणा पवन काजल और विनय कुमार शामिल थे. साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले ही हर्ष महाजन और पवन काजल कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए. वहीं, राजिंदर राणा ने भी हाल ही में कांग्रेस का हाथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया है. 


इस बीच कांग्रेस में पवन काजल के जाने के बाद बनाए गए कार्यकारी अध्यक्ष चंद्र कुमार और विनय कुमार ही रह गए थे. अब हिमाचल कांग्रेस के दो नए कार्यकारी अध्यक्ष पार्टी को मजबूती देने की कोशिश करेंगे. चौधरी चंद्र कुमार हिमाचल प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री हैं, जबकि विनय कुमार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा का उपाध्यक्ष भी बनाया गया है.


नए पदाधिकारियों की एंट्री के बाद अब यह है संरचना



  • प्रतिभा सिंह, अध्यक्ष

  • चंद्र कुमार, कार्यकारी अध्यक्ष

  • विनय कुमार, कार्यकारी अध्यक्ष

  • संजय अवस्थी, कार्यकारी अध्यक्ष

  • चंद्रशेखर, कार्यकारी अध्यक्ष


चार लोकसभा सीट के साथ उपचुनाव में जीतने की चुनौती


हिमाचल प्रदेश में सातवें और आखिरी चरण में मतदान होना है. प्रदेश की चार लोकसभा सीट पर चुनाव के साथ छह विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव होना है. जल्द ही तीन अन्य विधानसभा क्षेत्र में भी उपचुनाव की घोषणा की उम्मीद है. 


साल 2014 और साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा की सभी चारों सीट पर जीत हासिल की थी. हालांकि साल 2021 में हुए मंडी संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में कांग्रेस की प्रतिभा सिंह ने जीत हासिल कर ली. अब कांग्रेस के सामने चुनौती है कि बीजेपी को बीते दो चुनाव का रिकॉर्ड बरकरार रखने से रोका जाए. 


वहीं, उपचुनाव में भी सरकार सुरक्षित रखने के लिए कांग्रेस को जीत की जरूरत है. हालांकि कांग्रेस अभी आंकड़ों के मुताबिक बहुमत में है, लेकिन सरकार को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए उपचुनाव में कांग्रेस की जीत अत्यधिक मायने रखती है.


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