Himachal Day 2023: पहाड़ की खूबसूरती भी पहाड़ होती है, पहाड़ की समस्या भी पहाड़ होती है. पहाड़ की चिंता भी पहाड़ होती है और पहाड़ जैसी समस्याओं से निपटने के लिए जज्बा भी पहाड़ ही होता है. यह जज्बा हिमाचल प्रदेश के कण-कण में समाया हुआ है. आज हिमाचल प्रदेश ने 75 साल का सफर पूरा कर लिया है. छोटे और सधे हुए कदमों से सफर शुरू करने वाले हिमाचल के पांव विकास के शिखर पर अंगद की तरह जम रहे हैं.
देश की आजादी के 8 महीने बाद 15 अप्रैल 1948 को यह सुंदर पहाड़ी प्रदेश 30 छोटी-बड़ी रियासतों के विलय के साथ केंद्र शासित चीफ कमिश्नर प्रोविंस के रूप में अस्तित्व में आया. हिमाचल प्रदेश को अलग राज्य के रूप में स्थापित करने का श्रेय तत्कालीन नेतृत्व के साथ प्रजामंडल आंदोलन के नायकों और आंदोलनकारियों को जाता है. हिमाचल प्रदेश के गौरवमई इतिहास में धामी गोली कांड और सुकेत सत्याग्रह आंदोलन का भी विशेष स्थान है.
परमार को याद कर रहा हिमाचल
आज हिमाचल दिवस के मौके पर प्रदेश की जनता हिमाचल निर्माता और पहले मुख्यमंत्री यशवंत सिंह परमार के साथ उन महानुभावों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर रही है, जिन्होंने इस पहाड़ी राज्य को बनाने में अथक प्रयास किए. देशभर में हिमाचल प्रदेश की पहचान देवभूमि और वीर भूमि के रूप में है. देवभूमि निरंतर विकास के पथ पर आगे बढ़ रही है और हिमाचल केवल पहाड़ी राज्यों में अव्वल है, बल्कि बड़े राज्यों के लिए भी एक उदाहरण है.
1971 में पूर्ण राज्य बना हिमाचल
साल 1971 में हिमाचल प्रदेश पूर्ण राज्य बना. इसके बाद से इस छोटे राज्य ने विकास में कई बड़े राज्यों को भी मात देने का काम किया है. बात चाहे प्रति व्यक्ति आय की हो या बिजली उत्पादन की, हिमाचल हर क्षेत्र में आगे है. इसके अलावा फल उत्पादन, हर घर नल, सामाजिक न्याय के तहत सामाजिक सुरक्षा पेंशन और हिमाचल प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाएं विकास को गतिमान बनाए हुए हैं.
40 हजार किलोमीटर से अधिक सड़क
शुरुआत में हिमाचल में सड़कों की लंबाई सिर्फ 250 किलोमीटर थी. आज हिमाचल प्रदेश की सड़कों की लंबाई 40 हजार किलोमीटर से अधिक हो गई है. इस साल भी हिमाचल प्रदेश सरकार ने 1 हजार 060 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण करने का लक्ष्य रखा है. इसके अलावा प्रदेश सरकार 70 नए पुलों का भी निर्माण करेगी. हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी राज्य है और ऐसे में यहां आ रहे विस्तार और हवाई विस्तार की संभावनाएं कम हैं. लिहाजा विकास का सारा दारोमदार सड़कों पर ही रहता है. बावजूद इसके हिमाचल प्रदेश में हवाई सेवाओं और रेल लाइन को आगे बढ़ाने पर भी तेजी से काम चल रहा है.
प्रति व्यक्ति आय 2 लाख 22 हजार 227 रुपए
हिमाचल प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय मौजूदा वक्त में दो लाख रुपए से अधिक है. यह आंकड़ा गौरवान्वित करने वाला है. क्योंकि हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद साल 1971 में राज्य की प्रति व्यक्ति आय सिर्फ 651 रुपये थी. मौजूदा वक्त में हिमाचल प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 2 लाख 22 हजार 227 रुपए है. साल 2011-12 में यह एक लाख रुपये सालाना से भी कम थी. ऐसे में हिमाचल प्रदेश लगातार विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है.
27 हजार 436 मेगावाट ऊर्जा उत्पादन
मौजूदा वक्त में हिमाचल प्रदेश में 172 पनबिजली परियोजनाएं हैं. यहां पैदा होने वाली बिजली देश के अन्य राज्यों को भी रोशन करती है. 27 हजार 436 मेगावाट ऊर्जा उत्पादन की क्षमता है. मौजूदा वक्त में प्रदेश में 10 हजार 519 मेगावाट का दोहन हो रहा है. हिमाचल प्रदेश एक छोटा सा पहाड़ी राज्य है. यहां सालाना दो से तीन करोड़ पेटी सेब का उत्पादन होता है. प्रदेश में सेब की 50 से अधिक विदेशी किस्म उगाई जाती हैं. हिमाचल का सेब देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी बिकता है.
प्रदेश में कैंसर का इलाज मुफ्त
हिमाचल प्रदेश देश का पहला ओडीएफ स्टेट यानी खुले में शौच मुक्त राज्य भी है. छोटे से पहाड़ी प्रदेश में 3 हजार से ज्यादा स्वास्थ्य संस्थान है. यहां बिलासपुर एम्स भी फंक्शनल हो चुका है और छह मेडिकल कॉलेज सहित रीजनल कैंसर सेंटर की सुविधा है. हिमाचल प्रदेश में कैंसर का इलाज मुफ्त किया जाता है. हिमाचल प्रदेश विधानसभा पेपरलेस है. यहां सारा काम ऑनलाइन और पेपरलेस होता है. यहां साक्षरता दर करीब 87 फीसदी है. हिमाचल में स्कूल की संख्या 10 हजार 758 कॉलेजों की संख्या 166 है. विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है. पहाड़ों में तो हिमाचल अव्वल है ही, लेकिन साथ ही अन्य देशों को भी अपने विकास से टक्कर दे रहा है.